तेजपुर (असम): धोखाधडी और बलात्कार मामले का सामना कर रहे लॉटरी कारोबारी मोनी कुमार सुब्बा के निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है.सुब्बा कांग्रेस के तीन बार सांसद रह चुके हैं. वर्ष 2009 में एजीपी के जोसेफ टोप्पो से हारने वाले सुब्बा को उनके खिलाफ लंबित मामले की वजह से कांग्रेस टिकट से इंकार कर दिया गया.
306 करोड रुपये की घोषित संपत्ति के साथ सुब्बा राज्य में सबसे धनी उम्मीदवार हैं. उनके खिलाफ गंभीर मामले के साथ ही सुब्बा की भारतीय नागरिकता भी जांच के दायरे में हैं. 2005 में शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया गया था कि वह नेपाली नागरिक हैं जो 70 के दशक में अपने खिलाफ दर्ज मामले के बाद वहां से फरार हो गए थे. उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को मामले की जांच करने का आदेश दिया और एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने फर्जी तरीके से जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त किया. इस पर सुब्बा ने आपत्ति जाहिर की थी.
विश्लेषकों के मुताबिक पडोसी लखीमपुर जिले में बिहपुरिया से विधायक बोरा अन्य उम्मीदवारों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं. भाजपा-एजीपी गठबंधन नहीं होने और टोप्पो के सीट बरकरार रखने की संभावना काफी कम नजर आ रही है. नाम दाखिल करने के बाद कांग्रेस ने सुब्बा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए छह साल के लिए निष्कासित कर दिया.