नयी दिल्ली:चुनाव आयोग ने मंगलवार को मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के उम्मीदवारों का चुनाव एजेंट बनने को निषेध कर दिया, क्योंकि उनके सुरक्षाकर्मी चुनाव में अन्य लोगों को समान अवसर मिलने को अवरुद्ध कर सकते हैं.
आयोग ने कहा कि मेयर, नगर निगम एवं जिला परिषदों पंचायत संघों के अध्यक्ष भी चुनाव, मतदान या मतगणना एजेंट नहीं बन सकते क्योंकि वे बडी संख्या में स्थानीय कर्मचारियों को प्रभावित कर सकते हैं जो चुनाव कार्य के लिए तैनात होते हैं. आयोग ने कहा कि यह अनुपयुक्त और समान अवसर प्रदान करने की भावना के प्रतिकूल है.