नयी दिल्ली : भारत और चीन के बीच तनातनी बढ़ रही है एक तरफ डोकलम को लेकर दोनों देश के बीच तल्खी है, तो दूसरी तरफ भारत अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंतित है. भारत ने इस बीच एक बड़ा फैसला लिया है. चीन सीमा तक पहुंच आसान बनाने के लिए भारत ने अरुणाचल में सुरंग बनाने का फैसला लिया है. इसी सुरंग से होते हुए भारतीय सैनिक आसानी से चीनी सीमा तक पहुंच सकेगे. भारत ने इसके लिए तेजी से काम भी शुरू कर दिया है. इस काम के लिए भारत ने सीमा पर सड़क बनाने वाली कंपनी को काम सौंप दिया है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सुरंग में दो लेन होगी इसे बनाने केलिए 13700 फीट ऊंजे सेला दर्रे का इस्तेमाल नहीं करना होगा. सेना की आसानी से पहुंच के अलावा इस कदम से स्थानीय लोगों को भी आराम होगा. इससे यात्रा की दूरी घटकर सिर्फ 7 किमी रह जायेगा. . सुरंग के रास्तों के लिए अभी जमीन की मांग की जा रही है. इसको लेकर मानसून के बाद जमीन अधिग्रहण का भी काम शुरू हो जाएगा.गौरतलब है कि अभी हाल में ही असम सीमा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ढोला सदीया सेतु’ पुल का उद्घाटन किया था. यह पुल चीनी सीमा के नजदीक बना भारत का सबसे लंबा पुल है.
चीन में हैं डोभाल
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान डोभाल और यांग के बीच वार्ता का दरवाजा खुले होने के बारे में कहा कि वह इसकी पुष्टि नहीं कर सकते लेकिन ब्रिक्स एनएसए की पूर्व की बैठकों में अधिकारियों ने द्विपक्षीय बैठकें की है. लू की टिप्पणी के पहले चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू क्विन ने जोर दिया कि चीन ‘ ‘किसी भी कीमत पर ‘ ‘ अपने सुरक्षा हितों की रक्षा करेगा और जोर दिया कि भारत को ‘ ‘कोई अवास्तविक भ्रम नहीं पालना चाहिए.’ ‘ पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की 90वीं वर्षगांठ से पहले उन्होंने कहा, ‘ ‘चीन हर कीमत पर अपने सुरक्षा हितों की रक्षा करेगा. भारत को भाग्य पर चीजें नहीं छोडनी चाहिए और कोई अवास्तविक भ्रम नहीं पालना चाहिए.
‘ ‘ चीन ने सिक्किम गतिरोध पर अपना सख्त रवैया अख्तियार कर रखा है वहीं डोभाल इस सप्ताह बीजिंग जाने वाले हैं जहां वह 27-28 जुलाई को होने वाली ब्रिक्स एनएसए की बैठक में हिस्सा लेंगे. यांग और डोभाल के बीच क्या द्विपक्षीय बैठक होगी, इसके बारे में पूछे जाने पर लू ने कहा, ‘ ‘आपने जो उल्लेख किया है मेरे पास संबंधित सूचना नहीं है. जहां तक हम जानते हैं पूर्व की बैठकों के दौरान मेजबान देशों ने प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों के लिए द्विपक्षीय बैठकों का इंतजात किया जिसमें उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों, ब्रिक्स सहयोग और विभिन्न मामलों पर अपने विचार साझा किए.
‘ ‘ डोभाल और यांग दोनों सीमा वार्ता में दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या ब्रिक्स एनएसए बैठक में डोकलाम गतिरोध भी शामिल होगा क्योंकि एजेंडा में क्षेत्रीय ज्वलंत मुद्दे भी शामिल हैं, इस पर लू ने कहा, ‘ ‘चीन और भारत के बीच सुगम राजनयिक जरिया है. ‘ ‘ उन्होंने कहा, ‘ ‘भारतीय सीमा सैनिकों ने अवैध तरीके से चीन के क्षेत्र में प्रवेश किया. हम एक बार फिर भारत से सीमा की अपनी तरफ अपने सैनिकों की वापसी का अनुरोध करते हैं. मैं एक बार फिर जोर देना चाहता हूं कि दोनों पक्षों के बीच किसी भी ठोस वार्ता के लिए यह पूर्व शर्त है. ‘ ‘ क्या ब्रिक्स एनएसए चीनी राष्ट्रपति शी चिनिफिंग या राष्ट्रपति ली क्वींग से मुलाकात करेंगे, इस पर लू ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि उनके पास इस बारे में सूचना नहीं है.
‘ ‘हर कीमत ‘ ‘ पर करेंगे अपने सुरक्षा हितों की रक्षा
चीन ने सिक्किम सेक्टर में भारत के साथ जारी गतिरोध के बीच आज कहा कि उसकी संप्रभुता ‘ ‘अक्षुण्ण ‘ ‘ है और वह ‘ ‘हर कीमत ‘ ‘ पर अपने सुरक्षा हितों की रक्षा करेगा. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वु क्यान ने गतिरोध को सुलझाने के लिए इस सप्ताह होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की वार्ता से पहले यह बयान दिया है.
वु ने इस मामले में चीन का कट्टर रख अपनाए रखते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अपने देश की संप्रभुता की रक्षा करने का चीन का इरादा एवं संकल्प ‘ ‘अडिग ‘ ‘ है. उन्होंने पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की 90वीं वर्षगांठ से पहले कहा, ‘ ‘चीन हर कीमत पर अपने सुरक्षा हितों की रक्षा करेगा। भारत को भाग्य पर चीजें नहीं छोडनी चाहिए और कोई अवास्तविक भ्रम नहीं पालना चाहिए.
सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में दोनों देशों के सैन्य बलों के बीच महीनेभर से जारी सैन्य गतिरोध पर टिप्पणी करते हुए वु ने भारत से ‘ ‘अपनी गलती सही करने की ‘ ‘ अपील की.
उन्होंने कहा कि पीएलए ने क्षेत्र में आपात कदम उठाए हैं और वह केंद्रित तैनाती एवं अभ्यास जारी रखेगी। उन्होंने कहा, ‘ ‘हम भारत से दृढता से अपील करते हैं कि वह अपनी गलती को सुधारने के लिए व्यावहारिक कदम उठाए, भडकावे की कार्वाई बंद करे और सीमा क्षेत्र की शांति की संयुक्त रक्षा करने में चीन के साथ मिलकर काम करे.