नयी दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों को अनुमति देने से चीन के इनकार करने के विरोध में भारत के लोगों से चीनी सामानों को बहिष्कार करने की अपील की है. पड़ोसी देश ने 50 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को प्रवेश करने से मना कर दिया है, जो सिक्किम के नाथू ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले थे. इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि चीन की नजर तिब्बत पर है, जहां उसने अवैध कब्जा किया हुआ है. उन्होंने केंद्र सरकार से जल्दी से जल्दी इस मुद्दे को पड़ोसी देश के साथ उठाने की अपील की है और लोगों से चीनी वस्तुओं को बहिष्कार करने का आग्रह किया है.
इस खबर को भी पढ़ेंः विहिप के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डाॅ सुरेंद्र जैन ने कहा, राम मंदिर निर्माण में देर स्वीकार नहीं
गौरतलब है कि सिक्किम में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जारी तनातनी के बीच चीन ने दादागिरी दिखाते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा पर रोक लगा दी है. तीर्थयात्रियों के दो जत्थों को पहले ही लौटा चुके चीन ने यात्रा बहाल करने के लिए सिक्किम से सेना हटाने की शर्त रखी है.
मंगलवार को चीन ने बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास के समक्ष भारतीय सैनिकों की कथित घुसपैठ पर भी विरोध जताया. यह तनातनी ऐसे समय शुरू हुई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका सहित तीन देशों की यात्रा पर हैं. सिक्किम सेक्टर में बीते दो हफ्तों में दोनों देशों की सेना के बीच धक्का-मुक्की हुई है. चीनी सेना ने इसी क्षेत्र में भारत के दो बंकर भी नष्ट कर दिये थे.
विदेश मंत्रालय ने इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. बीते 24 जून को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने तीर्थयात्रियों के दल को वापस भेजे जाने के संबंध में पूछे जाने पर कहा था कि यात्रा को ले कर कुछ कठिनाइयां हैं. इस संबंध में चीन से बात हो रही है. इसके बाद नाथु ला दर्रा को चीन की ओर से बंद करने की खबरें आयी हैं. बताते हैं कि चीन ने सिक्किम से सेना हटाये जाने तक नाथु ला दर्रा को बंद रखने की बात कही है.
इससे पहले चीन ने नाथु ला दर्रा रूट से मानसरोवर यात्रा के लिए रवाना हुए पहले जत्थे को खराब मौसम का हवाला देते हुए वापस भेज दिया था. दूसरे दल को भी इसी बहाने के साथ वापस भेज दिया गया. भारत की योजना इस रूट से तीर्थयात्रियों के 6 जत्थे को भेजने की योजना थी.
पहले दोनों जत्थों की वापसी के बाद इस यात्रा पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं. इस मामले में भारत की ओर से विरोध दर्ज कराने के बावजूद स्थिति में बदलाव नहीं हुआ. इसी बीच सिक्किम सीमा पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों की घुसपैठ, भारतीय सैनिकों से झड़प और दो बंकरों को नष्ट किये जाने की खबरें सामने आयी.