मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की पुत्री मुक्ता दाभोलकर को अपने पिता की हत्या के मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका में दखल देने की इजाजत दे दी है.मुक्ता इस मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग कर रही हैं. उनका दावा है कि घटना के छह महीने के बाद जांच से कुछ नहीं निकल रहा है. दाभोलकर की पिछले साल 20 अगस्त की कुछ अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
न्यायमूर्ति पीवी हरदास की अध्यक्षता वाली पीठ ने मुक्ता की याचिका पर इजाजत दी.अदालत ने जब दाभोलकर हत्याकांड की जांच में प्रगति के बारे में सवाल किया तो सरकारी वकील ने सिर्फ यह कहा कि पुणो की पुलिस अब भी इस मामले की जांच कर रही है.पूर्व पत्रकार केतन तिरोडकर ने जनहित याचिका दायर कर इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की है. मुक्ता ने अपने आवेदन में कहा है कि अपराध सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं था, बल्कि यह धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की विचारधारा के खिलाफ भी था। इस मामले के नए पहलुओं की जांच होनी चाहिए क्योंकि बीते छह महीने से इसमें कोई प्रगति नहीं दिख रही है.