नयी दिल्ली : देश के लिए प्राण न्यौछावर कर देने वाले शहीद ए आजम भगत सिंह का एक गुम हुआ खत 83 साल बाद सामने आया है. यह पत्र उन्होंने क्रांतिकारी साथी हरिकिशन तलवार के मुकदमे में वकीलों के रवैये के खिलाफ लिखा था.
भगत सिंह के जीवन पर कई पुस्तकें लिख चुके जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के प्रोफेसर चमन लाल ने बताया कि शहीद ए आजम का यह गुम हुआ खत 83 साल बाद सामने आया है जिसे उन्होंने अपनी पुस्तक भगत सिंह के दुर्लभ दस्तावेज में प्रकाशित किया है.
हरिकिशन तलवार ने 23 दिसंबर 1930 को लाहौर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान पंजाब के तत्कालीन गवर्नर को गोली चलाकर मारने का प्रयास किया था, लेकिन हमले में वह बच गया था और एक पुलिस निरीक्षक मारा गया था.
चमन लाल ने बताया कि हरिकिशन तलवार के मुकदमे को लेकर शहीद ए आजम द्वारा लिखा गया यह पत्र गुम हो गया था. इस पर भगत सिंह ने दूसरा पत्र लिखकर कहा था कि उन्होंने एक पत्र पहले भी लिखा था जो कहीं गुम हो गया है. इसीलिए उन्हें दूसरा पत्र लिखना पड रहा है.
मुकदमे के दौरान वकीलों ने तर्क दिया था कि हरिकिशन का गवर्नर को मारने का कोई इरादा नहीं था. इस पर भगत सिंह वकीलों के रवैये से नाराज हो गये. भगत सिंह ने पत्र में लिखा था, हरिकिशन एक बहादुर योद्धा है और वकील यह कहकर उसका अपमान नहीं करें कि उसका गवर्नर को मारने का कोई इरादा नहीं था.