Chandra Grahan LIVE Updates: 16 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार 7.58 PM से शुरू हुआ और 11.25 PM मिनट पर समाप्त होगा. 2022 का पहला चंद्र ग्रहण लाल दिखाई देगा इसी कारण इसे ब्लड मून (blood Moon) कहा जा रहा है. पढ़ें इस चंद्र ग्रहण के बारे में वैज्ञानिक और धार्मिक डिटेल...
साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण समाप्त हो चुका है अब इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा और साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगेगा.
ग्रहण समाप्त होने के बाद सबसे पहले तुलसी के पौधे समेत पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें.
ग्रहण खत्म होने के बाद ही स्नान कर लें और स्वच्छ कपड़े पहनें.
ग्रहण के खत्म होने के बाद दान करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन तिल और चने की दाल का दान जरूर करें. मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं.
ग्रहण समाप्त होने के बाद अपने आराध्य देव के दर्शन अवश्य करें.
चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा के दिन लगा है. इस दिन अन्न,दूध, फल, जूते और छाता दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है. मान्यता के अनुसार इन चीजों के दान से अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है. इस दिन जरूरतमंदो, गरीबों, और ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए और उन्हें जरूरत की वस्तुएं दान करनी चाहिए.
मेष राशि- चंद्र ग्रहण के बाद चावल का दान करें.
वृषभ राशि- चंद्र ग्रहण की समाप्ति के बाद दूध और दही का दान करें.
मिथुन राशि - चंद्र ग्रहण के बाद गाय को हरा चारा खिलाएं.
कर्क राशि- ग्रहण के बाद गरीबों को भोजन कराएं.
सिंह राशि- ग्रहण के बाद शक्कर का दान करें.
कन्या राशि- ग्रहण के बाद विशेष चावल का दान करें.
तुला राशि- चंद्र ग्रहण के बाद चांदी का दान करें.
वृश्चिक राशि- मिठाई का दान करें.
धनु राशि- चंद्र ग्रहण के बाद धनु राशि के लोग पुरोहितों को अन्न का दान करें.
मकर राशि- चंद्र ग्रहण के बाद तिल का दान करें.
कुंभ राशि- चंद्र ग्रहण के बाद कुंभ राशि के जातक पशु-पक्षियों का दाना-पानी डालें.
मीन राशि- ग्रहण के बाद चीटियों को आटा खिलाएं.
सूर्य और चंद्रमा के बीच जब पृथ्वी आ जाती है तो चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना होती है. इस स्थिति में पृथ्वी की छाया चंद्रमा की रोशनी को ढक लेती है. और जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी के किनारों से होकर चांद तक पहुंचती है तो इसका नीला और हरा रंग वातावरण में बिखर जाता है, क्योंकि इनकी वेवलेंथ कम होती है. जबकि लाल रंग की वेवलेंथ ज्यादा होती है और वो चंद्रमा तक पहुंच पाता है. ऐसे में चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देने लगता है. इसे ब्लड मून कहते हैं.
भारत में यह चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा. लेकिन यदि आप इस चंद ग्रहण के खूबसूरत नजारे को देखना चाहते हैं तो आप 16 मई को अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर जाकर इसे देख सकते हैं. या फिर सीधे नासा की वेबसाइट nasa.gov/nasalive पर जाकर भी इसे देखा जा सकता है.
साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा यानी बुद्ध पूर्णिमा के दिन लग रहा है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान कर पूजा-पाठ और दान करते हैं. लेकिन ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ और कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते. ऐसे में लोग असमंजस में हैं कि क्या इस दिन स्नान-दान जैसे कार्य किए जा सकेंगे या ग्रहण का प्रभाव होगा. आपको बता दें कि, ग्रहण का सूतक काल लगते ही धार्मिक गतिविधियों पर मनाही होती है. ऐसे में जानते हैं साल के पहले चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा या नहीं.
साल 2022 के पहले चंद्र ग्रहण की अविश्वसनीय प्राकृतिक घटना के बारे में जानने के लिए नासा के विशेषज्ञों से जुड़ें, दुनिया भर में दूरबीन के दृश्यों को देखें, और आर्टेमिस कार्यक्रम के साथ मनुष्यों को चंद्र सतह पर वापस लाने की योजना के बारे में सुनें. मन में कोई सवाल होते उनसे हमारी लाइव चैट में पूछने के लिए https://nasa.gov/moon पर विजिट करें.
16 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार 7.58 PM से शुरू होगा और 11.25 PM मिनिट पर समाप्त होगा. पूर्ण चंद्र ग्रहण का प्रभाव 16 मई को सुबह 08:59 बजे के आसपास चरम पर रहने की उम्मीद है. उस समय, 2022 का पहला चंद्र ।ग्रहण (Chandra Grahan 2022) लाल दिखाई देगा इसी कारण इसे ब्लड मून (blood Moon) कहा जा रहा है.
ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए. साथ ही खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए, ताकि इन पर ग्रहण का बुरा असर न पड़े.
ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है, जिसका असर व्यक्ति के मन पर भी पड़ता है. लिहाजा इस दौरान कोई बड़ा निर्णय न लें. वाद-विवाद से बचें. हो सके तो यात्रा न करें.
ग्रहण के दौरान जितना हो सके भगवान की आराधना करें.
ग्रहण के दौरान मंदिर के पट बंद रखें.
ग्रहण के बाद स्नान करें और दान जरूर करें. गरीबों को दान करने से ग्रहण का अशुभ फल कम हो जाता है.
ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्री को बहुत सावधानी बरतनी चाहिए. उसे घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा यानी बुद्ध पूर्णिमा के दिन लग रहा है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान कर पूजा-पाठ और दान करते हैं. लेकिन ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ और कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते. ऐसे में लोग असमंजस में हैं कि क्या इस दिन स्नान-दान जैसे कार्य किए जा सकेंगे या ग्रहण का प्रभाव होगा. आपको बता दें कि, ग्रहण का सूतक काल लगते ही धार्मिक गतिविधियों पर मनाही होती है. ऐसे में जानते हैं साल के पहले चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा या नहीं.
चंद्रग्रहण(Lunar Eclipse) तब लगता है जब धरती चांद और सूरज के बीच में आ जाती है. चूंकि चांद सूरज की रौशनी से प्रकाशित रहता है, धरती के बीच में आ जाने से सूरज की किरणें चांद तक नहीं पहुंच पाती हैं. इस वजह से चांद पर अन्धेरा छा जाता है. चांद पर इस अंधेरे का छाना आम भाषा में चंद्रग्रहण या lunar eclipse कहलाया जाता है.
पुरानी मान्यताओं के अनुसार एक बार चंद्रमा ने गणेश जी का उपहास कर दिया चंद्रमा को अपने रूप का घमंड बहुत अधिक था चंद्रमा के इस उपहास से गणेश जी को बहुत बुरा लगा और उन्हें क्रोध आ गया क्रोध आने की वजह से उन्होंने चंद्रमा को श्राप दे डाला जिसमें गणेश जी ने चंद्रमा की लाली छीन ली और चंद्रमा आकाश में हमेशा के लिए छुप गया. चंद्रमा को अपनी गलती का एहसास हो गया और उन्होंने गणेश जी से क्षमा याचना की.
वैदिक पंचांग के मुताबिक, साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को लगेगा. इसी दिन सुबह 06 बजकर 16 मिनट तक वरियान योग भी रहेगा. ज्योतिष में इस योग का बहुत महत्व है. इस योग में किया गया कार्य सिद्ध हो जाता है. इसके बाद 16 मई की सुबह से अगले दिन देर रात करीब ढाई बजे तक परिघ योग भी रहेगा. परिघ योग में शत्रु के विरुद्ध अपनाई गई रणनीतियां बड़ी कारगर सिद्ध होती हैं.
कुल चंद्रग्रहण यूरोप और अफ्रीका के पश्चिमी हिस्सों में सोमवार की सुबह चंद्रमा के अस्त होने के समय के करीब दिखाई देगा. ग्रहण की पूरी अवधि पूरे दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, पूर्वी अमेरिका और कनाडा और अधिकांश अंटार्कटिका में दिखाई देगी. अमेरिका और कनाडा के पश्चिमी हिस्सों में रविवार की शाम चंद्रोदय के ठीक बाद समग्रता दिखाई देगी. न्यूजीलैंड, मध्य पूर्व और पूर्वी यूरोप के स्काईवॉचर्स को भी पेनुमब्रल ग्रहण का अनुभव होगा, जिसके दौरान पृथ्वी की छाया का केवल किनारा चंद्रमा पर पड़ता है.
16 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार 7.58 PM से शुरू होगा और 11.25 PM मिनिट पर समाप्त होगा. पूर्ण चंद्र ग्रहण का प्रभाव 16 मई को सुबह 08:59 बजे के आसपास चरम पर रहने की उम्मीद है. उस समय, 2022 का पहला चंद्र ।ग्रहण (Chandra Grahan 2022) लाल दिखाई देगा इसी कारण इसे ब्लड मून (blood Moon) कहा जा रहा है.