मां के दूध को सदा से शिशु के लिए अमृत समान माना गया है. इसी बात को प्रमाणित करते हुए JAMA इंटरनल मेडिसीन में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि जो मां छह महीने या अधिक समय तक अपने बच्चे को स्तनपान कराती है, उस बच्चे में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 47 फीसदी तक घट जाता है. खास है कि मां का दूध बच्चे को कई बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है.
यहां तक कि नवजात को एचआइवी जैसी संक्रामक बीमारी से भी बचाता है. मां के दूध में ओलिगोसैक्राइड्स नामक कुछ बायोऐक्टिव अवयव की उच्च मात्र होती है, जो प्रसव के बाद संक्रमित मां से शिशुओं में एचआइवी को पहुंचने से रोक देता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार मां के दूध से शिशु के दिमाग, हड्डियों आदि को मजबूती मिलती है तथा यह शिशु में फूड एलर्जी, एक्जिमा और अस्थमा के खतरे को भी कम करता है.