नयी दिल्ली: जल्द ही क्षेत्रीय सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों का संसार इंटरनेट पर उलब्ध हो सकता है क्योंकि एक संसदीय समिति ने सूचना एवं प्रसाधन मंत्रलय से देश में बनी फिल्मों के प्रसार के लिए सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल करने को कहा है.
इस हफ्ते संसद में रखी गयी एक रिपोर्ट में भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (एनएफएआई) के प्रदर्शन पर नजर रखने वाली प्राक्कलन समिति ने सलाह दी कि भारतीय फिल्मों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार के लिए यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय को दुनिया भर में भारतीय सिनेमा को लोकप्रिय बनाने और उसके प्रसार के लिए इंटरनेट पर उपलब्ध यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर आदि जैसे सोशल मीडिया मंचों के इस्तमाल की संभावना तलाशनी चाहिए.’’ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इंटरनेट पर क्षेत्रीय भाषा की बेहतरीन फिल्मों को उपलब्ध कराने के विचार को लेकर सूचना एवं प्रसारण सचिव का रुख ‘सकारात्मक’ था क्योंकि इससे इन फिल्मों के डाउनलोड किए जाने से राजस्व मिलेगा और ये फिल्में बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचेंगी.