नयी दिल्ली : बॉलीवुड में कभी अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा की दोस्ती का बोलबाला था लेकिन 70 के दशक में दोनों की इस दोस्ती को नजर लग गई और यह दोस्ती खटास में बदल गयी. इस संबंध में आज अंग्रेजी अखबर द टेलीग्राफ में खबर छपी है जिसके अनुसार शत्रुघ्न की ‘वाहवाही’ और ‘महिलाओं’ के कारण दोनों की दोस्ती में दरार आयी. अखबार ने यह खबर शत्रुघ्न सिन्हा की बायोग्राफी ‘एनिथिंग बट खामोश’ के हवाले से छापी है.
सिन्हा ने अपने बायोग्राफी में कहा है कि उन्हें फिल्मों के लिए अमिताभ से ज्यादा तारीफ मिलती थी जिस फिल्म में दोनों साथ होते थे. यह अमिताभ से देखा नहीं गया और उन्होंने मेरे साथ फिल्म करना बंद कर दिया. सिन्हा ने अपनी बायोग्राफी में कहा है कि अमिताभ को उन्होंने ही बॉलीवुड में लाया.
सिन्हा ने कहा कि जीनत अमान और रेखा भी एक कारण है जिसके कारण दोनों की दोस्ती खटास में पड़ गयी. ऐसा हो सकता है कि मेरी कुछ बातें दोनों अभिनेत्रियों को अच्छी नहीं लगती हो और इस संबंध में उन्होंने अमिताभ को कहा हो क्योंकि मैं दोनों अभिनेत्रियों के बारे में बहुत कुछ जानता था.
बायोग्राफी में फिल्म काला पत्थर की शूटिंग का जिक्र शत्रु ने किया है. उन्होंने लिखा है कि फिल्म काला पत्थर की शूटिंग के दरमियान दोनों के रिश्ते और तल्ख हो गए. बायोग्राफी में शत्रु ने कहा, “काला पत्थर के सेट पर अमिताभ बच्चन के बगल की कुर्सी मुझे नहीं दी जाती थी. हम दोनों एक ही होटल से शूटिंग लोकशन पर जाते लेकिन अमिताभ कभी भी मेरी कार में नहीं बैठते और कभी ये नहीं कहा कि हम दोनों साथ चलते हैं. काला पत्थर के उस फाइट सीन का जिक्र भी बायोग्राफी में है, जिसमें अमिताभ ने शत्रु को बुरी तरह मार दिया था. उन्होंने कहा, “अमिताभ बच्चन लगातार मारते रहे, जबतक कि शशि कपूर ने हम दोनों को अलग नहीं किया.
आपको बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी बायोग्राफी एनीथिंग बट खामोश में अमिताभ बच्चन के साथ रिश्तों पर खुलकर बात की है. अभिनेता के मुताबिक, फिल्मों में जो शोहरत अमिताभ बच्चन चाहते थे, वो मुझे मिल रही थी. इससे वे परेशान थे. यही कारण है कि मैंने कई फिल्में छोड़ दीं और साइनिंग अमाउंट तक लौटा दिए. दोनों अभिनेताओं ने काला पत्थर, दोस्ताना जैसी हिट फिल्मों में साथ काम किया है.