मुंबई : एक सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय ने सरोगेसी के जरिये पैदा हुए बच्चे से जुड़े दस्तावेज के एक मामले में शाहरुख खान और उसकी पत्नी गौरी को नोटिस जारी किया है.
वर्षा देशपांडे ने मजिस्ट्रेट की अदालत में एक शिकायत दाखिल कर शाहरुख, गौरी और शहर के जसलोक अस्पताल के खिलाफ जन्मपूर्व लिंग परीक्षण निषेध कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी और अदालत ने उनकी यह मांग ठुकरा दी थी. वर्षा ने इसी आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.
वर्षा का आरोप है कि खान दंपति ने सरोगेसी के जरिए पैदा हुए अपने तीसरे बच्चे अबराम के जन्म से पूर्व उसका लिंग परीक्षण कराया.देशपांडे ने इस सिलसिले में बृहनमुंबई नगर निगम द्वारा की गई जांच के दौरान एकत्र किए गए दस्तावेज मांगे थे. देशपांडे की शिकायत के बाद स्थानीय निकाय ने इस मामले में जांच की और शाहरुख और उनकी पत्नी को यह कहते हुए क्लीन चिट दे दी कि इस मामले में कानून का उल्लंघन नहीं किया गया है.
देशपांडे के वकील एडवोकेट उदय वारुंजिकर ने कहा, मजिस्ट्रेट ने हमारी अर्जी को नामंजूर कर दिया, जिसमें हमने दस्तावेज पेश करने और उनकी जांच कराये जाने की मांग की थी. न्यायमूर्ति आर पी संदरबलदोता ने शुक्रवार को शाहरुख, गौरी, जसलोक अस्पताल और स्थानीय निकाय को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 10 जनवरी मुकर्रर की.