अनुप्रिया अनंत
बीते रविवार मेरे मोहल्ले में बच्चे आपस में बातें कर रहे थे कि तूने फिल्म कृष देखी क्या. वे कृष-3 के बारे में बातें कर रहे थे. एक ने दूसरे से पूछा पहला गाना कौन सा था और मानवर से डरे क्या? लोकल ट्रेन में भी एक बच्चा अपनी मम्मी से कह रहा था कि मां कृष जैसा जैकेट खरीद दो न मां. फेसबुक पर भी इन दिनों कृष-3 की चर्चा है. बच्चों को लुभाने के लिए कृष ने गेम भी लांच किया है. 200 करोड़ क्लब में शामिल होनेवाली है कृष-3. और बच्चों की ये बातचीत दर्शाती है कि फिल्म उन्हें पसंद आयी है. ऋतिक रोशन ने अपनी बातचीत में कहा भी था कि वे फिल्म बच्चों के लिए बना रहे हैं. कृष-3 के 200 करोड़ क्लब में शामिल होने को लेकर बी टाउन में चर्चा जारी है.
कुछ ट्रेड पंडितों का मानना है कि फिल्म के बढ़ी टिकट की वजह से फिल्म 200 करोड़ क्लब में शामिल हो रही है. निस्संदेह बाल दर्शकों को इससे कोई फर्क नही पड़ता कि फिल्म 200 करोड़ क्लब की है या 100 करोड़ क्लब. उन्होंने कृष को स्वीकार किया है. इससे पहले फिल्म रा. वन ने भी बच्चों को लुभाने की कोशिशकी थी. लेकिन जिस हद तक कृष-3 ने बच्चों को प्रभावित किया है. रा. वन नहीं कर पायी थी. वजह साफ है ऋतिक रोशन ने शुरुआती दौर यानी कोई मिल गया से ही साबित कर दिया था. या यूं कहें स्पष्ट कर दिया था कि फिल्म बच्चों के लिए है.
पहले संस्करण में वे बच्चों से घिरे रहे. कृष में भी उन्होंने वह करतब दिखाये और कृष-3 में भी उन्होंने बच्चों को खुश किया. हां, यह सही है कि फिल्म कई फिल्मों की कॉपी है. दृश्य चुराये गये हैं. लेकिन भारतीय बाल दर्शकों को यह संतुष्ट करती है. वजह साफ है कि हिंदी फिल्में कम ही बनती हैं बच्चों के लिए और ऐसे में अगर कोई एक भी फिल्म आती है तो बच्चे खुश हो जाते हैं. बाल दिवस पर निश्चित तौर पर कृष के बाल दर्शकों में और बढ़ोतरी होगीअमोल गुप्ते जल्द ही बच्चों के लिए एक और फिल्म बनाने जा रहे हैं.