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बिहार में जूनियर इंजीनियर की नौकरी करेंगी सनी लियोन!

रविशंकर उपाध्यायपटना : राज्य के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) में जूनियर इंजीनियर की मेरिट लिस्ट में सनी लियोन पहले नंबर पर आयी हैं. उन्होंने कुल 98.5 स्कोर किया है. उन्हें एजुकेशन प्वाइंट में 73.50 अंक मिले हैं और एक्सपेरिएंस प्वाइंट के रूप में 25 अंक प्राप्त हुए. इस प्रकार वह मेरिट लिस्ट में टॉप […]

रविशंकर उपाध्याय
पटना :
राज्य के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) में जूनियर इंजीनियर की मेरिट लिस्ट में सनी लियोन पहले नंबर पर आयी हैं. उन्होंने कुल 98.5 स्कोर किया है. उन्हें एजुकेशन प्वाइंट में 73.50 अंक मिले हैं और एक्सपेरिएंस प्वाइंट के रूप में 25 अंक प्राप्त हुए. इस प्रकार वह मेरिट लिस्ट में टॉप हुई हैं.

कुल 214 सिविल इंजीनियर के पदों के लिए कांट्रैक्ट पर यह वैकेंसी निकली थी, जिसमें जूनियर इंजीनियरों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गये थे. इसकी मेरिट लिस्ट 15 फरवरी को प्रकाशित की गयी है. हालांकि, यह बॉलीवुड की अभिनेत्री सनी लियोन नहीं हैं, बल्कि 13 मई, 1991 को जन्मी सनी लियोन नामक महिला हैं, जिनका एप्लिकेशन आइडी जेइसी/0031211 है और उनके पिता का नाम लियोना लियोन है. यही नहीं, मेरिट लिस्ट में तीसरे नंबर पर बीवीसीएक्सजेड नामक अभ्यर्थी है, जिसने 92.89 स्कोर किया है. 214 इंजीनियरों के लिए कुल 17991 ऑनलाइन आवेदन पड़े हैं. नेशनल इन्फॉरमेशन सिस्टम यानी एनआइसी द्वारा तैयार इस मेरिट लिस्ट में अजब-गजब नाम देखने को मिले हैं.

पीएचइडी से मिली जानकारी के अनुसार संविदा पर सिविल जूनियर इंजीनियरों के चयन का आधार आम परीक्षाओं से अलग तय किया गया है. इसमें इंजीनियरों की सहूलियत के लिए उनके एकेडमिक रिजल्ट और अनुभवों के आधार पर ऑनलाइन फॉर्म भरना था. इसमें दर्ज प्रमाणपत्रों के आधार पर अंकों का आकलन कर ऑनलाइन सिस्टम द्वारा ही स्कोर तैयार हो जाता है. इसके बाद मेरिट लिस्ट तैयार की गयी है. अब इसके बाद पीएचइडी ने इस लिस्ट पर दावा और आपत्ति के लिए 24 फरवरी तक का समय दिया है. दावा आपत्ति आने के बाद लिस्ट को एक बार फिर से जारी किया जायेगा और अंतिम सूची में दर्ज कैंडिडेट को सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के लिए बुलाकर उन्हें अंतिम तौर पर सेलेक्ट किया जायेगा.

गलत नाम से डाटा इंट्री कर सुविधा का कर रहे दुरुपयोग : संयुक्त सचिव
पीएचइडी के संयुक्त सचिव अशोक कुमार ने कहा कि गलत नाम से रजिस्ट्रेशन कर आवेदन करना ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया की सुविधा का दुरुपयोग है. ऐसे लोग न केवल अपना, बल्कि विभाग का भी समय खराब करते हैं. बेवजह आवेदनों का वॉल्यूम भी बढ़ जाता है. हालांकि, ये सभी सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन में नहीं आयेंगे. फर्जी डाटा इंट्री करने वालों पर कार्रवाई पर भी विचार कर सकते हैं.

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