मुंबई: निर्देशक सुभाष घई ने युद्ध की पृष्ठभूमि वाली अपनी एक महत्वकांक्षी फिल्म के लिये बॉलीवुड के तीन दिग्गज सुपरस्टार दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान को लेने की योजना बनायी थी, लेकिन उन्हें अपना यह ख्याल छोडना पडा. निर्देशक ने बताया कि उन्होंने फिल्म का शीर्षक भी सोच लिया था. यह फिल्म मदर लैंड नाम से बनने वाली थी.
उन्होंने कहा, वर्ष 2003 में मैं मदर लैंड नाम से युद्ध आधारित फिल्म बनाना चाहता था, जिसके लिये मैंने दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन और शाहरख खान को चुना था. फिल्म की पटकथा तैयार थी यहां तक कि गाने भी रिकॉर्ड हो गये थे लेकिन आखिरी वक्त में शाहरख इससे पीछे हट गये.
फिल्मकार इससे पहले वर्ष 1997 में आयी परदेस में शाहरुख के साथ काम कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि शाहरुख तब किसी नायक प्रधान फिल्म में काम करना चाहते थे और इसलिए उनकी इस महत्वकांक्षी फिल्म की शूटिंग शुरु नहीं हो सकी.
उन्होंने कहा, उनका मानना था कि फिल्म में काफी सारे किरदार हैं. तब वह कोई नायक प्रधान फिल्म करना चाहते थे, लेकिन मेरी फिल्म ऐसी नहीं थी. यह दिलीप साहब, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान की कहानी थी. फिल्म के लिये मेरे पसंदीदा कलाकारों की सूची में ऐश्वर्या राय, प्रीति जिंटा और महिमा चौधरी का भी नाम था. लेकिन यही इसकी नियती थी.
घई ने कहा कि, मदर लैंड का काम शुरु नहीं हो पाया लेकिन एक और ऐसी फिल्म थी शिखर जिसे वह शाहरुख के साथ बनाना चाहते थे और इस फिल्म पर भी काम आगे नहीं बढ सका जिसके बाद ‘परदेस’ की शुरुआत हुई थी.
उन्होंने कहा, ‘परदेस’ से पहले मैंने शिखर की योजना बनायी थी जिसमें मैं जैकी श्रॉफ और शाहरख को लेने वाला था. यह फिल्म भी युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित थी और इसमें हम किसी नई लडकी को लेने वाले थे. हमने मुहुर्त भी पूरा कर लिया था और ए आर रहमान को साइन करने के बाद हम एक गीत भी रिकॉर्ड कर चुके थे. फिल्म ‘ताल’ के गीत ‘इश्क बिना क्या जीना यारो’ को फिल्म ‘शिखर’ से ही लिया गया था.
‘शिखर’ एक बहुत बडे बजट की युद्ध आधारित फिल्म थी. मेरी टीम ने सोचा कि हमें कोई कम बजट की फिल्म बनानी चाहिए. मैंने भी सोचा चलो कोई छोटी फिल्म बनाते हैं और इस तरह परदेस बनी, जिसकी शूटिंग सिर्फ एक साल के अंदर पूरी हो गयी.