नयी दिल्ली : सत्यजीत रे की 1963 में बनी मशहूर फिल्म ‘महानगर’ को 50 साल बाद पुन: रिलीज किया जाएगा. इस फिल्म की कहानी एक घरेलू महिला के इर्द-गिर्द बुनी गई है, जो अपने परिवार के पारंपरिक और रुढीवादी विचारों से लडती है और नौकरी करती है. फिल्म को डिजिटल रुप से दुबारा प्रदर्शन के योग्य बनाया गया है और अब यह रिलीज के लिए तैयार है.
माधबी मुखर्जी इस चलचित्र में मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म में वह आधुनिक समय में महिलाओं के उस उभरते वर्ग का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो बडे शहर में अपने परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए बाहर जाकर काम करना चाहती हैं. इसके लिए उन्हें समाज-परिवार की पारंपरिक बेडियों को तोडकर आगे बढना होता है. कोलकाता की पृष्ठभूमि पर आधारित इस फिल्म को पीवीआर द्वारा दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई सहित देश के आठ शहरों में 18 अप्रैल को रिलीज किया जाना है. ‘महानगर’ को आरडीबी के कमल बंसल ने फिर से नए रुप में उतारा है, जिनके पिता आर. डी. बंसल लंबे समय तक रे की फिल्मों के निर्माता रहे.
रे को ‘महानगर’ के लिये 1964 के बर्लिन अंतर्राष्टरीय फिल्म उत्सव में रजत पुरस्कार मिला था. जया बच्चन ने भी इसी फिल्म से फिल्मी दुनिया में पदार्पण किया था. आर. डी. बंसल की पोती वर्षा ने कहा कि उनके दादा द्वारा निर्मित राय की सभी छह फिल्मों के डिजटलीकरण का काम हो चुका है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले 2011 में फिल्मों के डिजटलीकरण के बारे में योजना बनाई थी क्योंकि उस समय लोकार्ना में राय उत्सव के दौरान उनकी फिल्में देखने के लिए दर्शकों की भीड जमा थी, लेकिन फिल्मों की गुणवत्ता काफी खराब हो चुकी थी, उनके रंग बदल गए थे और कहीं-कहीं प्रिंट फट भी गया था.’’