नयी दिल्ली : अगर किसी फिल्म के ट्रेलर को अगर प्रवेश परीक्षा की तरह देखा जाये तो कहा जा सकता है कि निर्देशक अश्विनी अय्यर तिवारी को उनकी फिल्म ‘ ‘बरेली की बर्फी ‘ ‘ के लिये शानदार अंक मिलने चाहिये. ‘ ‘निल बटे सन्नाटा ‘ ‘ के साथ सफल पदार्पण करने वाली निर्देशक का […]
नयी दिल्ली : अगर किसी फिल्म के ट्रेलर को अगर प्रवेश परीक्षा की तरह देखा जाये तो कहा जा सकता है कि निर्देशक अश्विनी अय्यर तिवारी को उनकी फिल्म ‘ ‘बरेली की बर्फी ‘ ‘ के लिये शानदार अंक मिलने चाहिये. ‘ ‘निल बटे सन्नाटा ‘ ‘ के साथ सफल पदार्पण करने वाली निर्देशक का कहना है कि उन्हें वुडी एलेन, ऋषिकेश मुखर्जी और साई परांजपे का सिनेमा पसंद है, खासकर दैनिक जीवन में हास्य को प्रस्तुत करने की उनकी क्षमता काबिले-तारीफ है.
उन्होंने पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में बताया, ‘ ‘हम भारतीय काफी मजेदार लोग हैं. जब आप किसी शादी समारोह में शामिल होते हैं और आपको उसमें बहुत सारे मजेदार किरदार देखने को मिलती है. तब हम उन पर ध्यान नहीं देते हैं. ‘बरेली की बर्फी ‘ के साथ मैं उस अजीब दुनिया को पर्दे पर उतारना चाहती थीं. मैं चाहती थी कि यह हमारे देश की संस्कृति पर आधारित हो.’ ‘ 37 वर्षीय तिवारी ने कहा कि भारत के छोटे शहरों के दैनिक जीवन के छोटे-छोटे पहलुओं ने उनका ध्यान आकषर्ति किया, जहां चीजें बहुत तेजी से बदल रही है.
उनकी यह फिल्म 18 अगस्त को रिलीज होने जा रही है. इस फिल्म की कहानी एक छोटे शहर बरेली की एक युवती और अपने परिवार के साथ उसके रिश्तों के समीकरण पर आधारित है, जिसमें दो लडके उसका ध्यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश करने में लगे हैं. उन्होंने कहा, ‘ ‘शहरों की रहते हुए हमारी जिंदगी शेष भारत की जिंदगी से बिल्कुल अलग है. भारत में चीजें अब काफी बदल गई है. लडकियां अब आधुनिक व फैशनेबल होती जा रही है, उनकी नजर अब नये-नये फैशन पर रहती है और अपने जीवन को लेकर काफी सजग रहती हैं. ‘ ‘ इस फिल्म के विचार को लेकर तिवारी ने कहा कि यह विचार उनके मन में एक किताब से आया जो वह एक हवाईअड्डे पर पढ रही थी और वह तुरंत वह अपने निर्देशक पति नितेश तिवारी को इसके बारे में बताया, जो श्रेयस जैन के साथ इस फिल्म के सह-लेखक भी हैं.इस फिल्म में कृति सैनन, आयुष्मान खुराना और राजकुमार राव मुख्य भूमिका में है