नई दिल्ली : देश के उपभोक्ताओं को मोबाइल सिम मुहैया कराने वाली टेलीकॉम कंपनियां मनमाने तरीके से शुल्क की वसूली तो करती ही हैं, लेकिन अगर किसी उपभोक्ता अपने सिम नंबर को दूसरी कंपनी में पोर्ट कर लेता है, तो ये टेलीकॉम कंपनियां उन्हें धमकाने से बाज भी नहीं आती हैं. आम उपभोक्ताओं की बात कौन करे, ये कंपनियां वित्त मंत्रालय के प्रधान आर्थिक सलाहकार (सीईए) को भी टेलीकॉम कंपनियां गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी तक देने में गुरेज नहीं करती हैं.
मीडिया की खबर के अनुसार, देश की टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया ने वित्त मंत्रालय के सीईए संजीव सान्याल को पेमेंट न करने पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी है. सीईए सन्याल ने इस बात की जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दी है. उन्होंने कहा कि वोडाफोन-आइडिया के कस्टमर केयर से किसी अन्य टेलीकॉम कंपनी में अपना अपना नंबर पोर्ट करने के बाद बकाया भुगतान करने के लिए उन्हें धमकी भरे कॉल आए. हालांकि, इस मामले में टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया ने अपनी सफाई में कहा है कि उसने इस मामले को सुलझा लिया है.
क्या है मामला?
मीडिया की खबर के अनुसार, वित्त मंत्रालय के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने अभी कुछ समय पहले ही वोडाफोन-आइडिया का सिम नंबर किसी और कंपनी में पोर्ट किया था. इसके बाद उन्हें वोडाफोन-आइडिया के कस्टमर केयर से धमकी भरी कॉल आनी शुरू हो गई. कॉल करके टेलीकॉम कंपनी उनसे बकाया रकम का पेमेंट की मांग करने लगी. हालांकि, सीईए सान्याल ने कहा कि उन पर किसी भी प्रकार का बकाया नहीं है.
ट्राई में करेंगे शिकायत
सान्याल ने सोशल मीडिया में कहा कि उन्हें तकरीबन रोजाना वोडाफोन-आइडिया के कस्टमर केयर से कॉल आती है. सान्याल ने अपने ट्वीट में वोडाफोन-आइडिया के कस्टमर केयर को भी टैग किया. उन्होंने लिखा कि वे इसके खिलाफ भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) और टेलीकॉम मंत्रालय में शिकायत करेंगे.
किया जाता है बुरा व्यवहार
सान्याल के अनुसार, उनके पास जो कॉल्स आती हैं, उसके जरिए बुहत ही बुरे तरीके से व्यवहार किया जाता है. यह एक तरह से धमकी वाला कॉल होता है. उन्हें पेमेंट नहीं करने पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी जाती है. आगे उन्होंने कि ये टेलीकॉम कंपनियां आम उपभोक्ता को किस प्रकार धमकाती होंगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
मनमाने तरीके से चार्ज करती हैं टेलीकॉम कंपनियां
वित्त मंत्रालय के सीईए के अनुसार, टेलीकॉम कंपनी की हर बार मांगें अलग-अलग तरीके की होती हैं. वे मनमाने तरीके से उनसे कभी 938 रुपये तो कभी 146 रुपये की मांग की जाती है. उन्होंने कहा कि यह वोडाफोन-आइडिया के इंटरनल सिस्टम की खामियां हैं या फिर यह एक बहुत बड़ा घोटाला है, जो कंपनियां उपभोक्ताओं से इस प्रकार का व्यवहार कर पैसों की वसूली करती हैं.