नय दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज अपने बजट भाषण में आम लोगों से देश के विकास के लिए अधिक से अधिक टैक्स योगदान देने की अपील की और इसके साथ ही उन्होंने इसके लिए टैक्स स्लैब को आसान किया, ताकि लोगों में टैक्स चुकाने की प्रवृत्ति बने. जेटली ने अफसोस जताया कि हमारे यहां लोग टैक्स अनुशासन का पालन नहीं करते हैं.
अरुण जेटली ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले 3.7 करोड़ लोगों में से 99 लाख लोगों ने अपनी आय छूट सीमा से कम दिखायी. उन्होंने कहा पांच लाख रुपये से अधिक सालाना आय बताने वाले कुल 76 लाख लोगों में 56 लाख लोग वेतनभोगी तबके से हैं, शेष लोग दूसरे पेशे से हैं. जेटली के अनुसार, संगठित क्षेत्र में काम करने वाले 4.2 करोड़ लोगोें में से केवल 1.74 करोड लोगों ने ही आयकर रिटर्न दाखिल की. उन्होंने आयकर रिटर्न नहीं भरने की प्रवृत्तिके आंकड़े की विसंगति को चिह्नित करने के लिए अधिक संख्या में कार खरीद व विदेश यात्राओं के आंकड़ों का उल्लेख किया.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कहा कि सरकार नीचे इनकम स्लैब वालों के लिए आसानएक पन्ने का फाॅर्म भी लायेगी, ताकि उनके अंदर यह प्रवृत्ति बढ़े. अरुण जेटली ने कहा कि ढाईलाख से पांच लाख रुपये तक की आय वालों को अब 10 प्रतिशत की बजाय पांच प्रतिशत ही टैक्स भरना होगा. वित्तमंत्री ने कहा,आयकर चोरी के कारण नौकरीपेशा वर्ग पर इसका बोझ अधिक पड़ता है.
जेटली ने कहा कि सरकार कर के दायरे में ऐसे लोगों को लाने का प्रयास कर रही है, जो कर चोरी करते हैं. उन्होंने कहा कि कर व्यावसायिक वर्ग से इतर लोगोंके लिए एकपेज का आयकर रिटर्न फॉर्म लाया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस श्रेणी के किसी भी व्यक्ति को जो पहली बार आयकर रिटर्न भरता है, उसेपहले वर्ष में तबतक किसी जांच का सामना नहीं करना पड़ेगा, जबतक कि उसके उच्च मूल्य वाले लेन-देन के बारे में विभाग के पास पुख्ता सूचना नहींउपलब्ध नहीं हो.
वित्तमंत्री ने कहा कि लाभ पुनरावृत्ति को रोकने के लिए लाभार्थियोंकेइससमूहकोउपलब्धछूटकोमौजूदालाभ को घटाकर 2500 रुपये किया जा रहा है, जो साढ़े तीन लाख रुपये की वार्षिक आय वाले कर दाताओंके लिए ही उपलब्ध होगा. ऐसे में तीन लाख रुपये तक आय वालों की आयकर देनदारी शून्य होगी और तीन से साढ़े तीन लाख रुपये के बीच के आयवालों के लिए कर देयता मात्रढाई हजार रुपये होगी. बाद के स्लैबों में आने वाले करदाताओं की सभी अन्य श्रेणियों को भी प्रति व्यक्ति 12, 500 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा. इस उपाय से सरकार 15, 500 करोड़ रुपये का परित्याग करेगी, जिसकी भरपाई सरकार सरचार्ज लगा कर करेगी.
नयीव्यवस्था में 50 लाख से एक करोड़ आय वालों पर10 प्रतिशत सरचार्ज लगाया जायेगा, इससे सरकार को 2700 करोड़ रुपये प्राप्त होगा.
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