नयी दिल्ली : आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आने के बीच देश के प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की ने देश में खेलकूद के दौरान सट्टेबाजी को कानूनी तौर पर अनुमति दिये जाने की वकालत की है.
फिक्की ने एक वक्तव्य में कहा है ‘‘सट्टेबाजी रोकने के कई प्रयासों और संसाधनों के बड़े खर्च के बावजूद, सट्टेबाजी अथवा शर्त लगाने का यह काम चोरी छिपे लगातार जारी है.’’ इसमें कहा गया है ‘‘ इसका बीच का रास्ता यह हो सकता है कि सट्टेबाजी को इस तरह नियमन के दायरे में लाया जाये ताकि इसे स्वीकार्य स्तर तक कम किया जा सके. इसे देखते हुये सरकार को इसे कानूनी अथवा नियमन के दायरे में लाने पर विचार करना चाहिये.’’ फिक्की का कहना है कि खेलकूद के दौरान विभिन्न पक्षों के बीच होने वाली सट्टेबाजी का पूरा काम काला बाजार में होता है और इससे सरकार को एक अनुमान के अनुसार सालाना 12,000 से लेकर 20,000 करोड़ रुपये के कर का नुकसान होता है.
फिक्की के अनुसार ‘‘खेलों के दौरान सट्टेबाजी को नियमन के दायरे में लाने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसमें बड़े पैमाने पर मोटी रकम का जो लेनदेन इधर से उधर होता है उसकी जवाबदेही सुनिश्चित हो सकेगी, परिणामस्वरुप मैच फिक्सिंग, मनी लांड्रिंग और अपराधों में कमी आयोगी.’’ फिक्की का कहना है कि सट्टेबाजी को नियमन में लाने से सरकारी खजाने को फायदा होगा और कर से मिलने वाले धन का इस्तेमाल खेलों पर खर्च किया जा सकेगा. बुनियादी सुविधायें बढ़ेंगी और कल्याणकारी कार्यक्रमों को बढ़ाया जा सकेगा. फिक्की का कहना है कि इस बारे में वह पहले ही सरकार को इसके फायदे गिना चुका है.
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