नयी दिल्ली: विनिर्माण और खनन क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन तथा पूंजीगत सामान का उत्पादन घटने से सितंबर महीने में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर घटकर 0.7 प्रतिशत पर आ गई. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आज जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर की अवधि में कारखाना उत्पादन 0.1 प्रतिशत घटा है, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 4 प्रतिशत बढ़ा था.
पिछले साल सितंबर में औद्योगिक उत्पादन 3.7 प्रतिशत रह गया. औद्योगिक उत्पादन में 75 प्रतिशत का भारांश रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर सितंबर में घटकर 0.9 प्रतिशत रह गई, जो सितंबर, 2015 में 2.7 प्रतिशत थी. उद्योगों के संदर्भ में सितंबर में विनिर्माण क्षेत्र के 22 में से 12 समूहों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई. पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन माह के दौरान 21.6 प्रतिशत घट गया. एक साल पहले समान महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 10.1 प्रतिशत बढ़ा था.
इसी तरह खनन क्षेत्र के उत्पादन में भी सितंबर में 3.1 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 3.5 प्रतिशत बढा था. सितंबर में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 2.4 प्रतिशत बढ़ा. एक साल पहले समान महीने में यह 11.4 प्रतिशत बढा था. टिकाउ उपभोक्ता सामान क्षेत्र की वृद्धि दर सितंबर में 14 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले समान महीने में यह 8.5 प्रतिशत रही थी.
समीक्षाधीन महीने में उपभोक्ता गैर टिकाऊ सामान क्षेत्र का उत्पादन 0.1 प्रतिशत बढा, जबकि एक साल पहले समान महीने में यह 3.6 प्रतिशत घटा था. कुल मिलाकर सितंबर में उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन 6 प्रतिशत बढा। एक साल पहले समान अवधि में यह 1.2 प्रतिशत बढ़ा था. प्रयोग आधारित वर्गीकरण के हिसाब से सितंबर, 2016 में प्राथमिक वस्तुओं की वृद्धि दर चार प्रतिशत रही. वहीं मध्यवर्ती वस्तुओं के उत्पादन की वृद्धि दर 2.2 प्रतिशत रही.
अप्रैल-सितंबर की अवधि में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 0.8 प्रतिशत घटा, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 4.2 प्रतिशत बढा था. निवेश का संकेतक माने जाने वाले पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन पहले छह महीने में 21.4 प्रतिशत घट गया, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 7.8 प्रतिशत बढ़ा था.
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