मुंबई: सड़कों के निर्माण के लिए अनुमति में तेजी सुनिश्चित करने के सुधारात्मक कदमों से इस क्षेत्र में आने वाले समय में निर्माण कार्य तेज होने का अनुमान है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार 2014-15 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण (एनएचएआई) की सडक निर्माण की गति 4.3 किलोमीटर प्रतिदिन थी जो 2015-16 में छह किलोमीटर प्रतिदिन हो गयी और यह 2017-18 तक 11 किलोमीटर प्रतिदिन होने की उम्मीद है.
क्रिसिल के शोध निदेशक अजय श्रीनिवासन ने एक बयान में कहा कि इस क्षेत्र में जो ठोस प्रगति दिख रही है उसके पीछे महत्वपूर्ण वजह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा नीति में सुधार और सरकार द्वारा सहायता प्रदान करना है जिनके चलते देरी में भी कमी आई है. इसके चलते हमें उम्मीद है कि प्राधिकरण से जुडी परियोजनाओं के निर्माण की औसत गति 2017-18 तक प्रतिदिन 11 किलोमीटर हो जाएगी.
नीति में सुधार करते हुए मंजूरी प्रक्रिया को आसान बनाया गया है. किसी परियोजना का ठेका देने से पहले 80 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया जाने लगा है. परिचालन वाली सडक परियोजनाओं से उसके विकासकर्ताओें को पूरी तरह बाहर निकलने और सुनिश्चित वार्षिक भुगतान के मिलेजुले स्वरुप को सडक परियोजनाओं में लागू करना इत्यादि कुछ महत्वपूर्ण नीतिगत सुधार हैं
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