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राजन ने कहा,नोट वापस लेने का उद्देश्य नकली नोट पर अंकुश लगाना

मुंबई : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि 2005 से पहेल के नोट वापस लेने का लक्ष्य काले धन पर नियंत्रण नहीं बल्कि नकली नोट पर अंकुश लगाना है. राजन ने मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही की समीखा की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा ‘‘इसका लक्ष्य काला धन, करचोरी आदि […]

मुंबई : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि 2005 से पहेल के नोट वापस लेने का लक्ष्य काले धन पर नियंत्रण नहीं बल्कि नकली नोट पर अंकुश लगाना है. राजन ने मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही की समीखा की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा ‘‘इसका लक्ष्य काला धन, करचोरी आदि नहीं है. मैं यह नहीं कह रहा कि ये चीजें अच्छी हैं. यह तकनीकी पहल है ताकि नए नोटों के मुकाबले कम सुरक्षात्मक उपायों वाले पुराने करेंसी नोट वापस लिए जा सकें.’’ उन्होंने कहा कि यह नकली नोट के चलन की संभावना कम करने और जनता के हाथ में अधिक विश्वसनीय नोट देने की कोशिश है.

उन्होंने कहा ‘‘निश्चित तौर पर हम जनता को होने वाली किसी तरह की असुविधा कम करना चाहते हैं . इसलिए यह प्रक्रिया बेहद आसान होगी.’’ पिछले सप्ताह आरबीआई ने कहा था कि 31 मार्च 2013 के बाद वह 2005 से पहले के सभी बैंक नोट वापस ले लेगा. एक अप्रैल 2014 से लोगों को इन नोटों की अदला-बदली के लिए बैंकों के पास जाना होगा. यह पूछने पर कि क्या नकली नोट बनाने वाले अब नए तरीके की तलाश करेंगे, राजन ने कहा ‘‘सुरक्षा संबंधी विशिष्टताओं के बारे में मोटी सी बात यह है कि नए नोटों की नकल करना अपेक्षाकृत मुश्किल है. हमें कोई संदेह नहीं है कि हमें लगातार सतर्क रहना है, सुरक्षा विशिष्टताओं में सुधार करते रहना है और नकल करने वाले कोशिश करते रहते हैं कि नकल कैसे की जाए.’’

उन्होंने कहा ‘‘नोट वापस लिए जाते रहेंगे.’’ यह तकनीकी प्रक्रिया का हिस्सा है जो भविष्य में भी जारी रहेगी. राजन ने कहा ‘‘मुद्रास्फीति कर ऐसे कर के सामान है जो बिल्कुल अनुचित है और इसका सबसे अधिक बेहद गरीबों पर होता है.’’ उर्जित पटेल ने पिछले सप्ताह सुझाव दिया था कि आरबीआई को जनवरी 2015 तक खुदरा मुद्रास्फीति को घटाकर आठ प्रतिशत और जनवरी 2016 तक छह प्रतिशत लाने का लक्ष्य करना चाहिए. राजन ने कहा कि 2013-14 की तीसरी तिमाही में वृद्धि कम हो सकती है. सकल घरेलू उत्पाद का आंकड़ा 28 फरवरी के जारी होने वला है.

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