नयी दिल्ली : स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) की रेटिंग संबंधी चेतावनी पर निराशा जताते हुए सरकार ने आज कहा कि उसकी राजकोषीय नीतियां सहीं दिशा में आगे बढ़ रही हैं और चिंता की कोई बात नहीं है. एसएंडपी ने आज आगाह किया कि यदि सरकार सुधारों को आगे बढ़ाने तथा राजकोषीय और चालू खाते के घाटे पर अंकुश लगाने में विफल रहती है, तो भारत की सावरेन रेटिंग को घटाकर जंक ग्रेड (निवेश नहीं करने योग्य) कर दिया जाएगा.
आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने एसएंडपी की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि किसी को इस पर ज्यादा चिंता करने की जरुरत है. मुझे लगता है कि हम सही रास्ते पर हैं और सुधारों की प्रक्रिया जारी है. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि चिंता की कोई बात है.’’ हालांकि, मायाराम ने कहा कि यदि एसएंडपी ने भारत की रेटिंग में सुधार किया होता, तो सरकार को ‘खुशी’ होती.
इस बीच, मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन ने इस बात पर निराशा जताई कि एसएंडपी ने भारत के परिदृश्य में सुधार के लिए स्थिति अनुकूल नहीं पाई. विशेषरुप से यह देखते हुए कि एजेंसी सरकार द्वारा हाल के महीनों में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की बात को जान रही है. राजन ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इस साल भारत में 17 अरब डालर का निवेश किया है और उनका रुख अलग है. उन्होंने कहा कि सरकार भारत को टिकाउ, स्थिर और मजबूत वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए जो भी जरुरी होगा कदम उठाएगी.
उन्होंने कहा कि सरकार का काम रेटिंग एजेंसियों की जरुरत पर ध्यान देना नहीं बल्कि जमीनी वास्तविकताओं में बदलाव लाना है. एसएंडपी की संसद में आर्थिक विधेयक लंबित रहने की चिंता पर मायाराम ने कहा कि सुधारों का काम सरकारी फैसलों से होता है. पिछले महीने एसएंडपी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में वित्त मंत्रलय के अधिकारियों ने रेटिंग उन्नयन की वकालत की थी. उनका कहा था कि सरकार ने राजकोषीय घाटे पर अंकुश तथा निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठाए हैं.
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