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चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5 फीसद के आसपास रहेगी : रिजर्व बैंक

नयी दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक का मानना है कि चालू वित्त वर्ष 2013-14 में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत के आसपास रहेगी जबकि चालू खाते का घाटा (कैड) सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3 फीसद से नीचे रहेगा. केंद्रीय बैंक ने जोर देकर कहा है कि देश अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बांड खरीद कार्यक्रम की […]

नयी दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक का मानना है कि चालू वित्त वर्ष 2013-14 में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत के आसपास रहेगी जबकि चालू खाते का घाटा (कैड) सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3 फीसद से नीचे रहेगा.

केंद्रीय बैंक ने जोर देकर कहा है कि देश अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बांड खरीद कार्यक्रम की वापसी की शुरआत को लेकर तैयार है. दिल्ली आर्थिक सम्मेलन के मौके पर रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें मजबूत वृद्धि के कुछ संकेत दिख रहे हैं. लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगा कि हम निचले स्तर को छू चुके हैं. लेकिन मुझेउम्मीद है कि वृद्धि दर 5 प्रतिशत के आसपास रहेगी.’’

रिजर्व बैंक ने अक्तूबर में चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 5.7 प्रतिशत से घटाकर 5 फीसद कर दिया था. 2013-14 की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था 4.8 फीसद की दर से बढ़ी है. पहली छमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत रही है.पूरे वित्त वर्ष में 5 फीसद की वृद्धि दर हासिल करने के लिए अर्थव्यवस्था को दूसरी छमाही में 5.4 फीसद की वृद्धि दर हासिल करनी होगी. राजन ने कहा कि भारत अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा प्रोत्साहन वापसी को लेकर तैयार है.

उन्होंने कहा कि हम किसी तरह की प्रोत्साहन वापसी को लेकर पूरी तरह तैयार हैं. प्रोत्साहन वापसी के कुछ प्रभाव दिखेंगे, लेकिन हम इससे निपटने के लिए तैयार हैं. हमारी विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति मजबूत है. हमने दिखाया है कि हम जरुरत होने पर धन जुटा सकते हैं. इस साल हमारा चालू खाते का घाटा उल्लेखनीय रुप से कम रहेगा.पिछले वित्त वर्ष 2012-13 में कैड सकल घरेलू उत्पाद के रिकार्ड 4.8 फीसद पर रहा था. 2010-11 में यह 2.8 प्रतिशत पर था.

राजन ने कहा कि प्रत्येक अनुमान के हिसाब से इस साल कैड 3 प्रतिशत से नीचे रहेगा. हम ज्यादा बेहतर स्थिति में हैं. सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदमों से विदेशी मुद्रा का अंत प्रवाह बढ़ने तथा सोने के आयात पर अंकुश से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में चालू खाते का घाटा घटकर 3.1 फीसद पर आ गया है. पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह 4.5 प्रतिशत था. वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इससे पहले कहा था कि चालू वित्त वर्ष में कैड 56 अरब डालर या कम रहेगा. 2012-13 में यह 88.2 अरब डालर रहा था.

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