नयी दिल्ली : प्रमुख दवा कंपनी रैनबैक्सी को दवा बनाने में लापरवाही बरतने के कारण 2740 करोड़ मुआवजा भरना पडेगा. कंपनी की लापरवाही को उजागर करने वाले दिनेश ठाकुर कंपनी के पूर्व निदेशक रहें हैं.
यूनाइटेड स्टेट जस्टिस डिपार्टमेंट के अनुसार दिनेश ठाकुर को इस साहसिक कदम के लिए 48.6 मिलियन डॉलर (लगभग 266 करोड़ रुपए) मिलेंगे. दिनेश ठाकुर ने रैनबैक्सी के मैनेजमेंट को कंपनी के भीतर चल रहे गैर-कानूनी गतिविधियों से अवगत करा दिया था. जब कंपनी की ओर से कोई कार्रवाईनहीं की गई तो दिनेश ठाकुर ने अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दे दी.
दिनेश ठाकुर के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग ने करीब 8 सालों तक रैनबैक्सी कंपनी के कागजात और कामकाज की पड़ताल की. इस छानबीन के दौरान कंपनी के भीतर चल रहे गैर-कानूनी धंधे जैसे, रिकार्ड्स के साथ छेड़छाड़, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक निर्माण प्रक्रिया और रैनबैक्सी ड्रग्स की क्वालिटी और सेफ्टी के साथ समझौता शामिल पाया गया.
यूनाइटेड स्टेट जस्टिस डिपार्टमेंट ने सोमवार को रैनबैक्सी लेबोरेटरीज को ड्रग सेफ्टी और संबंधित मामलों में दोषी पाया, जिसमें सजा के तौर पर कंपनी को 500 मिलियन डॉलर (लगभग 2740 करोड़ रुपए) का जुर्माना सुनाया गया.
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