नई दिल्ली : दूरसंचार मंत्रालय ने देश की एकमात्र अखिल भारतीय स्तर की 4जी स्पेक्ट्रम धारक रिलायंस जियो इन्फोकॉम :आरजेआईएल: के नए दूरसंचार लाइसेंस को मंजूरी दे दी है. मंत्रालय ने लाइसेंस के लिए कंपनी को आशय पत्र(एलओआई )जारी कर दिया है.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘‘दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल यूनिफाइड लाइसेंस को मंजूरी दे दी है और पिछले सप्ताह कंपनी को आशय पत्र जारी कर दिया गया.’’ कंपनी को अब लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एकबारगी 1,673 करोड़ रुपये का प्रवेश शुल्क, 220 करोड़रुपये की प्रदर्शन बैंक गारंटी तथा 44 करोड़ रपये की वित्तीय बैंक गारंटी जमा करानी होगी. कंपनी से इस बारे में प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी. मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली आरजेआईएल ने 21 अगस्त को यूनिफाइड लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय अपनी नेटवर्थ 5,033.32 करोड़ रुपये बताई थी. यूनिफाइड लाइसेंस के तहत कंपनी को एक पूर्ण मोबाइल आपरेटर के रुप में सेवाएं प्रदान करने की अनुमति होगी.
नया दूरसंचार लाइसेंस मोबाइल टेलीफोनी क्षेत्र में मुकेश अंबानी की दूसरी पारी होगा. इससे क्षेत्र में उनकी पहली पारी रिलायंस इन्फोकॉम के रुप में रही है, जिसे अब रिलायंस कम्युनिकेशंस के नाम से जाना जाता है. रिलायंस समूह के बंटवारे के बाद दूरसंचार कारोबार उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के पास चला गया था. वर्ष 2003 में रिलायंस इन्फोकॉम ने बाजार में सस्ते सीडीएमए सेट स्कीम के साथ उतारे थे. इसके जरिये मोबाइल कॉल की दरें प्रति 15 सेकेंड 10 पैसे तथा एसटीडी की 40 पैसे प्रति मिनट की पेशकश की गई थी. उस समय एसटीडी दर 2.40 से 5.40 रुपये प्रति मिनट थी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.