एथेंस : यूनान ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि वह आईएमएफ के कर्ज का भुगतान नहीं कर पाएगा. उसे मंगलवार को ही भुगतान करना था. यूरो क्षेत्र ने उसे दिए प्रोत्साहन पैकेज की समयसीमा बढाने से इनकार कर दिया. अधिकारियों का कहना है कि बुधवार यानी आज इस मामले पर बातचीत जारी रहेगी. यूनान की यूरोपीय संघ, यूरोपीय केंद्रीय बैंक और आईएमएफ जैसे रिणदाताओं से अंतरराष्ट्रीय बेलआउट कार्यक्रम की अवधि भी मंगलवार को समाप्त हो गई.
इस बीच, यूरोपीय आयोग ने कहा है कि उसने संकट दूर करने के लिये प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरस को अंतिम समय में एक सौदे की पेशकश की थी. यूनान संकट से यूरो क्षेत्र टूट सकता है और इस बात की भी आशंका है कि अन्य समस्याग्रस्त देशों पर इसका प्रभाव पडेगा. इधर, सिपरस ने यूनान की जनता से अनुरोध किया है कि रविवार को होने वाले जनमत संग्रह में रिणदाताओं के कडे सुधार की मांग को वे खारिज कर दें.
हालांकि उन्होंने अपने देश को बचाने के लिए सहायता पैकेज की अवधि बढाए जाने की भी अपील की है. यूनान के कर्ज का भुगतान नहीं किये जाने से यह 2001 के बाद आईएमएफ के भुगतान में चूक करने वाला पहला देश हो जाएगा. 2001 में जिम्बाब्वे ने समय पर रिण नहीं चुकाया था.
समयसीमा से कुछ घंटे पहले वित्त मंत्री यानीस वारोयुफाकिस ने जोर देकर कहा कि यूनान 1.5 अरब यूरो (1.7 अरब डालर) का पुनर्भुगतान नहीं कर पाएगा. इस खबर के बाद यूरोप के मुख्य शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गयी. हालांकि गिरावट सोमवार से कम थी. यूरोपीय आयोग के प्रमुख जिएन-क्लाउड जंकर ने जनमत संग्रह से पहले ‘अंतिम समय’ में संभावित समाधान की पेशकश की है. एथेंस में हजारों लोगों ने प्रोत्साहन पैकेज से संबंधित समझौते के पक्ष में रैली निकाली.
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