वाशिंगटन : अमेरिकी उद्योगपतियों व कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मुलाकात से पहले यहां के एक उद्योग मंडल ने आज कहा कि विदेशी कंपनियां भारतीय बाजार में प्रवेश करने की इच्छुक हैं, लेकिन देश की नीतियां एवं कराधान के नियमों के संबंध में स्पष्टता एवं विश्वसनीयता होनी चाहिए.
यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) के अध्यक्ष रोन सोमर्स ने कहा कि भारत विदेशी निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए सुधारों को आगे बढ़ाना चाहिए.
सोमर्स ने कहा, हम जब निवेश करते हैं तो हमें यह जानने की जरुरत होती है कि हमारे उपर कर का समीकरण क्या लागू होगा. हम व्यवस्था बदलने के बाद के लक्ष्य नहीं रखना चाहते. देश में अलग अलग क्षेत्रों में भिन्न ढांचा है. हम निशाना लगाने के बाद लक्ष्य खिसकाये जाने के पक्ष में नहीं हैं. देश में एक इलाके की व्यवस्था दूसरे से अलग है.
यूएसआईबीसी उन अमेरिकी कंपनियों का शीर्ष उद्योग मंडल है जो भारत में कारोबार करती हैं. इन कंपनियों में फार्च्यून 500 की कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं. सोमर्स कहा, इसलिए, कल शाम न्यूयार्क में कारोबारी समुदाय के साथ होने वाली बैठक में प्रधानमंत्री की उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है.
सोमर्स ने भारत की मौजूदा अर्थिक कठिनाई में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मजत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने फरवरी में अपने बजट में इस बात को खुद कहा है.
अमेरिका के नए वीजा कानून के बारे में भारत की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यूएआईबीसी भारत और भारतीय कंपनियों की बात कैपिटल हिल (ओबाम प्रशासन) के समक्ष रख रही है. उन्होंने विश्वास जताया कि संगठन का सुणाव आव्रजन विधेयक के अंतित मसौदे में शामिल होगा.
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