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रुपये की चाल,वृद्धि दर के आंकड़ों से तय होगी बाजार की दिशा

नयी दिल्ली : रुपये का उतार चढ़ाव, वैश्विक संकेत, विदेशी कोषों का प्रवाह चालू सप्ताह में व्यापक तौर पर बाजार की दिशा तय करेंगे. उन्होंने कहा कि डेरिवेटिव अनुबंधों की समयसीमा की समाप्ति से पूर्व शेयर बाजार में उतार चढ़ाव रहने की संभावना है.इसके अलावा जून, 2013 को समाप्त हुए पहली तिमाही के लिए सकल […]

नयी दिल्ली : रुपये का उतार चढ़ाव, वैश्विक संकेत, विदेशी कोषों का प्रवाह चालू सप्ताह में व्यापक तौर पर बाजार की दिशा तय करेंगे. उन्होंने कहा कि डेरिवेटिव अनुबंधों की समयसीमा की समाप्ति से पूर्व शेयर बाजार में उतार चढ़ाव रहने की संभावना है.इसके अलावा जून, 2013 को समाप्त हुए पहली तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े भी बाजार की दिशा को निर्धारित करेंगे जिसकी घोषणा शुक्रवार को की जायेगी. अगस्त के डेरिवेटिव अनुबंधों की समयसीमा की समाप्ति गुरवार को होगी. अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 4.8 से 5 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है.

इन्वेंचर ग्रोथ एंड सिक्योरिटीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक नागजी के रीता ने कहा, इस बात का संज्ञान लिया जाना चाहिये कि अगस्त श्रृंखला वाले व्युत्पन्न अनुबंधों की समयसीमा चालू सप्ताह में समाप्त हो रही है तथा सप्ताहांत में जीडीपी के आंकड़े भी घोषित किये जायेंगे. इसलिए बाजार में उतार चढ़ाव रहेगा और बाजार के रख के बारे में कुछ अनिश्चितता कारोबारियों में बनी रहेगी.रीता ने कहा कि बाजार का रख इस बात पर भी निर्भर करेगा कि चालू सप्ताह में डालर और भारतीय रुपये का उतार चढ़ाव कैसा रहता है. हालांकि रुपये के मुकाबले डालर की दरें काफी बढ़ चुकी हैं और यह कहना जल्दबाजी होगी कि डालर का यह चरम स्तर है.

शुक्रवार को रुपये में तेजी लौटती दिखी और छह दिनों की गिरावट के बाद यह मजबूती के रख के साथ 63.20 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ. कुल मिलाकर देखा जाये तो यह दशक की दूसरी सर्वाधिक तेजी को दर्शाता है. वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने गुरवार को कहा था कि रुपये का मूल्य कुछ ज्यादा ही कम हो गया है. उन्होंने कहा था कि अत्यधिक निराश होने की आवश्यकता नहीं है. साथ ही रिजर्व बैंक ने भी कहा था कि रुपये की गिरावट से निपटने के लिए उसके पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है.

बोनान्जा पोर्टफोलियो के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश गोयल ने कहा, वृद्धि दर, विनिमय दर और चालू खाते के घाटे जैसे प्रमुख आर्थिक कारणों को लेकर गंभीर चिंता बनी हुई है और आने वाले सप्ताहों में इन कारकों पर नजर रहेगी. विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश संबंधी इस माह के आंकड़े अब तक उत्साहजनक नहीं हैं और बिकवाली बढ़ने की संभावना बनी हुई है. उन्होंने कहा कि आने वाले सत्रों में निकट भविष्य में निफ्टी के लिए 5,500 का स्तर काफी महत्वपूर्ण होगा और इस स्तर से उपर सूचकांक में लिवाली देखने को मिल सकती है.

बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स पिछले सप्ताह 0.42 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 18,519.44 अंक पर बंद हुआ. विदेशी निवेशकों ने पिछले सप्ताह 4,000 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की. वैश्विक मोर्चे पर निवेशकों की निगाह फेडरल रिजर्व के व्योमिंग के जैक्सन होल में वार्षिक मौद्रिक सम्मेलन पर होगी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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