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निजी बिजली कंपनियों को दो साल में 7,500 करोड की सब्सिडी मिलेगी

नयी दिल्ली : मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर स्कीम के तहत निजी बिजली कंपनियों को अगले दो साल में 7,500 करोड रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी. मंत्रिमंडल ने गैस की कमी के चलते ठप पड़ी 31 बिजली उत्पादक इकाइयों को बहाल करने के लिए स्कीम को कल मंजूरी दी. गैस की कमी की वजह से […]

नयी दिल्ली : मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर स्कीम के तहत निजी बिजली कंपनियों को अगले दो साल में 7,500 करोड रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी. मंत्रिमंडल ने गैस की कमी के चलते ठप पड़ी 31 बिजली उत्पादक इकाइयों को बहाल करने के लिए स्कीम को कल मंजूरी दी.
गैस की कमी की वजह से 14,305 मेगावाट क्षमता के 31 बिजली घर संकटग्रस्त हैं. ये बिजली संयंत्र अपनी स्थापित क्षमता के 30 प्रतिशत उत्पादन के लिए बिजली प्रणाली विकास कोष (पीएसडीएफ) से सहयोग ले सकेंगे. इसके लिए ये आयातित एलएनजी का इस्तेमाल कर सकेंगे.
बिजली सचिव पी.के. सिन्हा ने आज कहा कि 5.50 रुपये प्रति यूनिट के बिजली शुल्क पर विचार के बाद जो बिजली कंपनियां पीएसडीएफ के साथ सबसे कम समर्थन मांगेंगी, उन्हें एलएनजी के इस्तेमाल का पहला अधिकार मिलेगा.
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने निजी क्षेत्र की बिजली कंपनियों के लिए दो वर्ष की अवधि के वास्ते एक वित्तीय सहायता योजना को कल मंजूरी दी जिसमें 3,500 करोड रुपये का सहयोग 2015-16 के लिए और 4,000 करोड रुपये का सहयोग इसके बाद के वित्त वर्ष के लिए है.
जहां निजी बिजली घर वित्तीय सहयोग के लिए बोली लगाएंगे, पीएसडीएफ से वास्तविक राशि वितरण कंपनी के पास जाएगी. पीएसडीएफ ग्रिड संबंधी अनुशासनहीनता के लिए राज्यों से जुर्माना वसूलता है. पीएसडीएफ के पास फिलहाल 9,500 करोड रुपये का कोष है.

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