नयी दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में कभी शीर्ष पर रही इन्फोसिस को उम्मीद है कि वह जल्द ही एक बार फिर उद्योग में अग्रणी दर्जा हासिल कर लेगी. इन्फोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का ने उम्मीद जतायी है कि 18 से 30 माह के समय में इन्फोसिस आईटी उद्योग की वृद्धि दर को पीछे छोड देगी.
सिक्का ने कहा कि आठ अरब डालर मूल्य की इस कंपनी का प्रदर्शन प्रत्येक तिमाही के साथ सुधर रहा है. ताजा तिमाही नतीजे भी इसे दर्शाते हैं. सिक्का ने कहा, ‘मैं कहूंगा कि डेढ से ढाई साल में हम उद्योग की वृद्धि दर को पीछे छोड देंगे.’ सिक्का इन्फोसिस के पहले गैर संस्थापक सीईओ हैं.
कंपनी की स्थिति में सुधार के मकसद से उन्हें पिछले साल जर्मनी की साफ्टवेयर क्षेत्र की कंपनी सैप से इन्फोसिस में लाया गया है. उन्होंने कहा, ‘हमने एक समयसीमा दी है. जिस समय नारायणमूर्ति वापस आए थे, हमने जून, 2013 से तीन साल का समय रखा था. मैं कहूंगा कि हमने इसमें से आधा रास्ता तय कर लिया है. इस काम को पूरा करने के लिए हमें दो साल और चाहिए.’
सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुडे सेवा उद्योगों के संगठन नास्कॉम का अनुमान है कि 2014-15 में इस क्षेत्र का निर्यात 13 से 15 प्रतिशत बढेगा. 2013-14 में यह वृद्धि 13 प्रतिशत रही थी. वहीं दूसरी ओर इन्फोसिस ने चालू वित्त वर्ष में राजस्व में डालर में 7 से 9 प्रतिशत व रुपये में 5.6 से 7.6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है.
अपने बयान के समर्थन में तर्क देते हुए सिक्का ने कहा कि कंपनी के पास 5.53 अरब डालर की नकदी है. उसका कर्ज शून्य है और तिमाही मार्जिन प्रदर्शन मजबूत है.
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