नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने अतिरिक्त 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले की सुनवाई के लिए 31 जुलाई की तारीख तय की जिसमें भारतीय सेलुलर के मुख्य महाप्रबंधक सुनील मित्तल , एस्सार ग्रुप के प्रोमोटर रवि रुइया तथा अन्य को आरोपी के रुप में तलब किया गया है.
विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी ने मित्तल और रुइया के वकीलों द्वारा अदालत को यह सूचित किये जाने पर कि मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है, कार्यवाही को आज टाल दिया.
वकीलों ने न्यायाधीश को यह भी सूचित किया कि उच्चतम न्यायालय ने 26 अप्रैल के अपने अंतरिम आदेश में अगले आदेश तक अदालत की कार्यवाही को स्थगित कर दिया था तथा मित्तल और रुइया को निजी रुप से पेश होने से भी छूट दे दी थी.
उच्चतम न्यायालय का अंतरिम आदेश मित्तल और रुइया की उन अपीलों पर आया था जिनमें उन्होंने विशेष अदालत के 19 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी. 19 मार्च के अदालत के आदेश में दोनों को इस मामले में आरोपी के रुप में तलब किया गया था.
मित्तल और रुइया के अलावा जिन अन्य को आरोपी के रुप में तलब किया है, उनमें कनाडा निवासी अप्रवासी भारतीय असीम घोष तथा पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष हैं. घोष उस समय आरोपी कंपनी हचिसन मैक्स टेलीकाम प्राइवेट लिमिटेड के महानिदेशक थे.
श्यामल घोष आज सीबीआई की विशेष अदालत में मौजूद थे जबकि असीम घोष को अभी तक समन की तामील नहीं हुई थी.मित्तल और रुइया अदालत की पिछली तारीखों पर अदालत में हाजिर हुए थे और उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार निजी मुचलके भरे थे.
29 अप्रैल को विशेष अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए आठ जुलाई की तारीख तय की थी.19 मार्च को विशेष अदालत ने मित्तल और रुइया को तलब किया था जो उस समय आरोपी कंपनियों में से एक स्टर्लिंग सेलुलर लिमिटेड के निदेशक थे. असीम घोष को भी तलब किया गया था.
पिछले वर्ष इस मामले में सीबीआई द्वारा 21 दिसंबर को दाखिल आरोपपत्र में इनके नामों का उल्लेख नहीं किया गया था.सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में श्यामल घोष तथा तीन टेलीकॉम कंपनियों भारती सेलुलर लिमिटेड, हचिसन मैक्स टेलीकाम प्राइवेट लिमिटेड , ( जिसे अब वोडाफोन इंडिया लिमिटेड के नाम से जाना जाता है ) और स्टलिंर्ग सेलुलर लिमिटेड ( अब वोडाफोन मोबाइल सर्विस लिमिटेड ) को आरोपियों के रुप में नामजद किया था.
सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में इस मामले में तीन टेलीकाम कंपनियों को आरोपी के रुप में नामजद किया था। यह मामला दूरसंचार विभाग द्वारा अतिरिक्त स्पैक्ट्रम के आवंटन से संबंधित था जिससे कथित रुप से सरकारी खजाने को 846 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
हालांकि मित्तल, रुइया और असीम घोष के नाम का सीबीआई के आरोपपत्र में आरोपी के रुप में जिक्र नहीं किया गया था लेकिन विशेष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि वह मामले का संज्ञान लेते हुए इन तीनों समेत सभी सातों आरोपियों को 11 अप्रैल को तलब करने का समन जारी करती है.
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