नयी दिल्ली: वित्त मंत्रालय की एक समिति ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को उदार बनाने का प्रस्ताव करते हुए रक्षा, बहु-ब्रांड खुदरा तथा दूरसंचार समेत लगभग सभी क्षेत्रों में एफडीआई सीमा बढ़ाये जाने का सुझाव दिया है.
आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम की अध्यक्षता वाली समिति ने उन सभी क्षेत्रों में एफडीआई सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है जहां फिलहाल यह 26 प्रतिशत है. मायाराम के अनुसार सुझावों का मकसद और विदेशी निवेश आकर्षित करना है. ‘‘निश्चित रुप से हमें और एफडीआई की जरुरत है.’’ समिति ने वित्त मंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
सचिव ने कहा कि आगे की कार्यवाही औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) करेगा. समिति ने सुझाव दिया है कि रक्षा क्षेत्र में सरकारी मंजूरी के मार्ग के जरिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआईः की सीमा मौजूदा 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत की जा सकती है. साथ ही बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा मौजूदा 51 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का सुझाव दिया गया है.
वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा गठित समिति ने एकल-ब्रांड खुदरा, बिजली तथा जिंस बाजार, सार्वजनिक बैंकों, प्रिंट मीडिया, पीएसयू पेट्रोलियम रिफाइनरी, शेयर बाजारों, बीमा समेत विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है.
मायाराम समिति ने कूरियर सेवा के मामले में 100 प्रतिशत तक तथा हवाई परिवहन सेवा :जो नियमित नहीं हैं: क्षेत्र में एफडीआई सीमा मौजूदा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का सुझाव दिया.
सूत्रों के अनुसार इस सुझावों पर जुलाई के पहले सप्ताह में शीर्ष मंत्रलयों के बीच चर्चा की जाएगी.
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