नयी दिल्ली : डारल के मुकाबले रुपए की विनियम दर भारी गिरावट के बीच वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि बाजार में बेवजह घबराहट है और कुछ समय में सब कुछ शांत हो जाएगा. आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने यहां एक कार्यशाला के दौरान संवाददताओं से अलग से कहा, ‘‘ यदि आप डालर के मुकाबले सभी प्रमुख मुद्राओं की कमजोरी पर ध्यान दें तो उस लियाह से रुपया भी अप्रभावित नहीं है. लेकिन मुङो बाजार में घबराह बेबुनियाद लगती है.’’गौर तलब है कि विदेशी विनियम बाजार में आज दोपहर तक अमेरिकी डालर के मुकबले रुपया गिर कर 57.77 तक चला गया था जो स्थानीय मुद्रा की अब तक की न्यूनतम दर है.
मायाराम ने कहा कि यह सब अमेरिकी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष बेन बर्नांके के रिण आसान नीति से जुड़े बयान का अनुपयुक्त अर्थ निकालने से शुरु हुआ. वित्त सचिव ने कहा, ‘‘ वे (अमेरिकी फेडरल रिजर्व) अब स्पष्ट कर चुके हैं कि नकदी प्रवाह बढ़ाने की मौजूदा नीति में बदलाव न तो अभी होने जा रहा है और न ही यह बहुत जल्दी होगा. मुङो लगता है कि यह कुछ समय में स्थिर हो जाएगा. हमें इसके बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए लेकिन हम स्थिति पर बराबर निगाह रखे हुए हैं.’’
इस मौके पर मौजूद आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन ने कहा कि रुपए में यह कमजोरी अस्थाई घटना हो सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘ भारत का चालू खाते का घाटा बहुत अधिक है और जिन उभरते बाजारों का चालू खाते का घाटा बहुत अधिक है उनकी मुद्रा में अपेक्षाकृत अधिक गिरावट हुई है. यह अस्थायी घटना हो सकती है. लेकिन मैं एक बात फिर से कहना चाहता हूं कि सरकार रुपए में कमजोरी का समर्थन नहीं करती है. हम इसमें ज्यादा स्थिरता चाहते हैं.’’ उन्होंने हालांकि कहा कि सरकार ने रुपए के लिए कोई निश्चित स्तर तय नहीं कर रखा है.
पिछले सप्ताह वित्त मंत्रालय पी चिदंबरम ने भी कहा था कि डरने की कोई जरुरत नहीं है और घरेलू मुद्रा जल्दी ही स्थिरता का स्तर प्राप्त कर लेगी. डालर की मांग बढ़ने और अमेरिकी रोजगार के आंकड़े उम्मीद से बेहतर होने के कारण विदेश में डालर की मजबूती के कारण रुपया आज के कारोबार में डालर के मुकाबले 71 पैसे लुढ़ककर 57.77 के स्तर पर पहुंच गया. पिछले साल जून में रुपए ने 57.32 का न्यूनतम स्तर छुआ था.
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