गुवाहटी : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर असम में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच सरकारी तेल कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) ने राज्य की जनता से कंपनी के दैनिक कामकाज में सहयोग देने की अपील की है. प्रदर्शनों के चलते कंपनी का कामकाज प्रभावित हुआ है. एक अंग्रेजी दैनिक अखबार में जारी अपील में चेताया गया है कि ऑयल इंडिया की परिचालन गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ने से राज्य की अर्थव्यवस्था और आम लोगों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
इसमें कहा गया है कि ऑयल इंडिया का परिचालन ठप होने से कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में कमी के अलावा रसोई गैस (एलपीजी) का उत्पादन और रिफाइनरियों को कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित हुई है. विरोध-प्रदर्शनों की वजह से असम को ईंधन की आपूर्ति में कमी का सामना करना पड़ रहा है. इससे गुवाहटी समेत अन्य जिले के लोगों का रोजाना का कामकाज प्रभावित हो रहा है. कई पेट्रोल पंप बंद रहे. हालांकि, जो पेट्रोल पंप चालू हैं, उनमें शुक्रवार को लंबी कतारें देखी गयीं.
हतिगांव क्षेत्र में रहने वाले तुतु अली ने कहा कि मैंने देखा कि जो पेट्रोल पंप खुले हैं, उनके पास बिक्री के लिए पर्याप्त मात्रा में ईंधन नहीं है. मैंने अपनी मोटरसाइकिल के लिए एक लीटर पेट्रोल खरीदा, जबकि कई लोग ईंधन खरीदने के लिए बोतल लेकर लाइन में खड़े थे. अगर ईंधन के स्टॉक को दुरुस्त नहीं किया गया, तो स्थिति खराब हो सकती है.
ऑयल इंडिया ने कहा कि राज्य में चल रहे आंदोलन से ऑयल इंडिया लिमिटेड के दिन-प्रतिदिन के कार्यों पर बुरी तरह से असर पड़ा है. यह राज्य में बिजली की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और रसोई गैस जैसी जरूरी चीजों की कमी की ओर ले जायेगा. यह आम आदमी के जीवन पर असर करेगा.
कंपनी ने कहा कि लोगों के हितों और स्थानीय अर्थव्यवस्था को ध्यान रखते में हुए ऑयल इंडिया असम के लोगों से दैनिक परिचालन गतिविधियों को संचालित करने में सहयोग देने की अपील करती है, ताकि कच्चे तेल, एलपीजी और प्राकृतिक गैस की निर्बाध आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके.
सरकारी कंपनियों से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इंडियन ऑयल को अपनी डिग्बोई रिफानरी बंद करने पर मजबूर होना पड़ा और वह गुवाहटी इकाई से बहुत कम क्षमता पर परिचालन कर रही है. वहीं, ऑयल इंडिया को एलपीजी का उत्पादन बंद करना पड़ा और कच्चे तेल के उत्पादन में 15-20 फीसदी की कमी करनी पड़ी है.
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