नयी दिल्ली : वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की आगामी 18 दिसंबर को बैठक होने वाली है. इस बैठक में अन्य मुद्दों के साथ ही राज्यों को होने वाली राजस्व क्षतिपूर्ति की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने पर विचार-विमर्श किया जा सकता है. इसके लिए कुछ और उत्पादों को क्षतिपूर्ति उपकर के दायरे में लाने पर भी विचार हो सकता है. जीएसटी परिषद की यह बैठक ऐसे समय होने जा रही है, जब जीएसटी संग्रह उम्मीद से कम रहने को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है.
जीएसटी मामलों में जीएसटी परिषद ही उच्चाधिकार प्राप्त इकाई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसकी अध्यक्ष हैं. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) के 62वें स्थापना दिवस के मौके पर कहा कि जीएसटी परिषद की 18 दिसंबर को होने वाली बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जायेगा. उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक बुनियादी कारक लगातार मजबूत बने हुए हैं और सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए और कदम उठायेगी.
देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में पिछले साढ़े छह साल में सबसे कम 4.5 फीसदी रही. राज्यों के राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर लिया जाता है. फिलहाल, जितना क्षतिपूर्ति उपकर संग्रह हो रहा है, उससे राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई होना मुश्किल दिखाई दे रहा है.
जीएसटी परिषद ने हाल ही में सभी राज्यों के जीएसटी आयुक्तों को पत्र भेजकर पिछले कुछ महीनों के दौरान जीएसटी प्राप्ति और क्षतिपूर्ति उपकर संग्रह कम रहने पर चिंता जतायी है. इस लिहाज से जीएसटी परिषद की आगामी बैठक काफी महत्वपूर्ण हो सकती है. परिषद ने संग्रह बढ़ाने के लिए सुझाव और प्रस्ताव मांगे हैं. ये सुझाव और प्रस्ताव कर अनुपालन के साथ ही जीएसटी दरों को लेकर मांगे गये हैं. जो भी सुझाव आयेंगे, उन्हें आवश्यक निरीक्षण के लिए समिति के समक्ष रखा जायेगा.
इससे पहले, विपक्ष शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों और प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर जीएसटी क्षतिपूति राशि जारी करने में हो रही देरी पर अपनी चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि इससे राज्यों की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल दबाव बढ़ रहा है.
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