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मूडीज ने किया आगाह : राजकोषीय घाटे का अनुमान कम रखने से सरकारी साख पर लग सकता है बट्टा

नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज का कहना है कि आर्थिक वृद्धि की कमजोर संभावनाओं के चलते भारत के राजकोषीय मजबूती के प्रयासों के समक्ष कठिनाई पैदा हो सकती है. इसका सरकारी साख गुणवत्ता पर भी असर पड़ सकता है. मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने एक बयान में कहा है कि कमजोर वृद्धि संभावनाओं के […]

नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज का कहना है कि आर्थिक वृद्धि की कमजोर संभावनाओं के चलते भारत के राजकोषीय मजबूती के प्रयासों के समक्ष कठिनाई पैदा हो सकती है. इसका सरकारी साख गुणवत्ता पर भी असर पड़ सकता है. मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने एक बयान में कहा है कि कमजोर वृद्धि संभावनाओं के चलते भारत सरकार के राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के प्रयासों को झटका लग सकता है. इसका सरकारी साख गुणवत्ता पर भी असर पड़ सकता है.

इसे भी देखें : बजट प्रतिक्रिया : वित्त सचिव ने राजकोषीय घाटे को GDP के 3.3 फीसदी रखने पर उठ रहे सवालों को किया खारिज

सरकार ने पिछले सप्ताह 2019-20 का पूर्ण बजट संसद में पेश किया है. इसमें राजकोषीय घाटे को वर्ष के दौरान 3.3 फीसदी पर नियंत्रित रखने का अनुमान लगाया गया है. इससे पहले फरवरी में पेश अंतरिम बजट में इसके 3.4 फीसदी पर रहने का बजट अनुमान रखा गया था. बजट में सरकारी कर्ज में भी धीरे-धीरे कमी आने का अनुमान लगाया गया है.

मूडीज ने कहा है कि आने वाले साल में आर्थिक वृद्धि परिदृश्य कमजोर बने रहने की आशंका है. ऐसे में, आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ राजकोषीय मजबूती हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा. हालांकि, मूडीज़ ने यह भी कहा है कि बजट सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), अवसंरचना क्षेत्र, रीयल एस्टेट डेवलपर्स, कुछ घरेलू उत्पादक कंपनियों और प्रतिभूतिकरण कारोबार करने वालों की साख के लिए सकारात्मक रहेगा.

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