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NSC के दो सदस्यों के इस्तीफे पर सरकार ने कहा, त्यागपत्र देने वालों ने किसी बैठक में नहीं जतायी थी आपत्ति

नयी दिल्ली : सरकार की ओर से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े और श्रमबल सर्वेक्षण जारी करने में की गयी तथाकथित देरी को लेकर राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के दो सदस्यों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि इन दोनों सदस्यों ने सरकार के रवैये पर अपनी असहमति जताते हुए […]

नयी दिल्ली : सरकार की ओर से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े और श्रमबल सर्वेक्षण जारी करने में की गयी तथाकथित देरी को लेकर राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के दो सदस्यों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि इन दोनों सदस्यों ने सरकार के रवैये पर अपनी असहमति जताते हुए इस्तीफा दिया है. उनके इस्तीफे के बाद सरकार ने बुधवार को कहा कि एनएससी से इस्तीफा देने वाले सदस्यों ने पिछले कुछ महीने में आयोग की किसी भी बैठक में आपत्ति नहीं जतायी.

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दरअसल, एनएससी के दो स्वतंत्र सदस्य पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी ने पिछली सीरीज के जीडीपी आंकड़ों तथा श्रमबल सर्वेक्षण जारी करने में देरी पर सरकार से असहमति के चलते अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. पीसी मोहनन एनएससी के कार्यकारी चेयरमैन भी थे. मोहनन ने मंगलवार रात को कहा कि मैंने एनएससी से इस्तीफा दे दिया है. हमें लगा कि आयोग इन दिनों अधिक प्रभावी नहीं रह गया है और हमें यह भी लगा कि हम आयोग की जिम्मेदारियों का सही से निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं.

केन्द्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण में कहा कि पिछले कुछ महीनों में हुई आयोग की किसी भी बैठक में इन सदस्यों ने अपनी आपत्ति जाहिर नहीं की. मंत्रालय ने आगे कहा कि वह एनएससी के सुझावों पर गौर करता है और उचित कदम भी उठाता है. श्रम सर्वेक्षण के बारे में मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय जुलाई, 2017 से दिसंबर, 2018 तक की अवधि के लिए तिमाही आंकड़ों का प्रसंस्करण कर रहा है. इसके बाद रिपोर्ट जारी कर दी जायेगी.

मंत्रालय ने कहा कि भारत के मजबूत जनसांख्यिकीय लाभ तथा करीब 93 फीसदी असंगठित कार्यबल को देखते हुए रोजगार के मानकों को प्राशासनिक सांख्यिकी के जरिये बेहतर करना जरूरी हो जाता है. उसने कहा कि इसी दिशा में मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि, कर्मचारी राज्य बीमा योजना और राष्ट्रीय पेंशन योजना जैसी बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्यों और नये अंशदाताओं का अनुमान जारी करना शुरू किया है.

पिछली सीरीज के जीडीपी आंकड़ों के बारे में मंत्रालय ने कहा कि एनएससी ने खुद ही इसे अंतिम रूप देने और प्रकाशित करने का सुझाव दिया था. पिछली सीरीज के जीडीपी के आधिकारिक अनुमान की गणना 2011-12 में अपनाये गये तरीके के आधार पर की गयी और इसे राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी की सलाहकार समिति के विशेषज्ञों ने मंजूरी दी थी. बाद में एनएससी में भी इस बारे में चर्चा हुई थी.

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