नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए आज ई-वे बिल की नये सिरे से शुरुआत बेहद सफल रही है. अभी तक इसमें किसी तरह की तकनीकी दिक्कत नहीं आयी है.
ट्रांसपोर्टरों को राज्यों के बीच माल की आवाजाही के लिए इलेक्ट्रॉनिक वे बिल या ई-वे बिल का जीएसटी का प्रावधान कल से लागू किया गया है. माना जा रहा है कि इससे कर अपवंचना रोकने में मदद मिलेगी और राजस्व बढ़ेगा.
वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा, ई-वे बिल की शुरुआत काफी सफल रही है. अभी तक इसमें किसी तरह की दिक्कत नहीं आयी हैं. उसे पूर्ण बनाने में दो माह का समय लिया गया है.
लेकिन इस दर को देखते हुए मैं इसे राज्य के भीतर लागू करने को लेकर काफी आशान्वित हूं. जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के चेयरमैन अजय भूषण पांडेय ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पहले दिन यानी कल 2.59 लाख ई वे बिल निकाले गये, जबकि आज चार बजे तक 2.89 लाख ई-वे बिल निकाले गये हैं.
ई-वे बिल को पहले फरवरी में शुरू किया गया था, लेकिन उस समय प्रणाली में तकनीकी दिक्कतों की वजह से इसे टाल दिया गया था. अधिया ने कहा कि प्रणाली में अभी और बोझ उठाने की क्षमता है.
तकनीकी टीमें यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं कि ई-वे बिल सुगमता से काम कर सके. इन खबरों कि अधिकारी ट्रांसपोर्टरों से ई-वे बिल की जांच नहीं कर रहे हैं, अधिया ने कहा कि लोगों को इससे तालमेल बैठाने में कुछ समय लगेगा.
लेकिन समय के साथ अधिकारी ट्रकों की जांच करेंगे. उन्हें ऐसा करना होगा, क्योंकि यदि लोगों के पास ई-वे बिल नहीं है, तो यह उचित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यदि ई-वे बिल नहीं होगा, तो इसके लिए जुर्माने का प्रावधान है.
अधिया ने कहा कि ई-वे बिल के बिना कर चोरी की संभावना रहेगी. उन्होंने बताया कि राज्य के अंदर माल की आवाजाही के लिए ई-वे बिल शुरू करने की समयसारिणी की घोषणा एक सप्ताह में की जायेगी.
उन्होंने बताया कि मार्च में फरवरी महीने के लिए जीएसटी संग्रह 89,264 करोड़ रुपये रहा है. अभी तक 17,616 करोड़ रुपये का जीएसटी रिफंड दिया गया है.
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