36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

बजट के बाद जेटली का एलान – खजाने की सेहत सुधरेगी तो दे सकते हैं मिडिल क्‍लास को राहत

नयी दिल्‍ली : वित्त मंत्री अरूण जेटली ने मध्यम वर्ग (मिडिल क्‍लास) आने वाले समय में राहत देने का संकेत दिया है. उन्‍होंने कहा कि राजकोषीय घाटा कम होने पर भविष्‍य में छोटे करदाताओं को राहत दी जा सकती है. आम बजट 2018-19 में कोई बड़ी राहत नहीं दिये जाने का बचाव करते हुए उन्‍होंने […]

नयी दिल्‍ली : वित्त मंत्री अरूण जेटली ने मध्यम वर्ग (मिडिल क्‍लास) आने वाले समय में राहत देने का संकेत दिया है. उन्‍होंने कहा कि राजकोषीय घाटा कम होने पर भविष्‍य में छोटे करदाताओं को राहत दी जा सकती है. आम बजट 2018-19 में कोई बड़ी राहत नहीं दिये जाने का बचाव करते हुए उन्‍होंने कहा कि सरकार पहले के बजटों में इस वर्ग के लिए अनेक कदम उठा चुकी है.

बजट के बाद आयोजित कार्यक्रम में जेटली ने कहा, ‘अनुपालन के लिहाज से भारत के समक्ष गंभीर चुनौतियां हैं. भारत के लिए एक गंभीर चुनौती कर आधार बढ़ाने की है. इस लिहाज से अगर आप मेरे पिछले 4-5 बजटों को देखेंगे तो, मैंने व्यवस्थित तरीके से छोटे करदाताओं को लगभग हर बजट में राहत प्रदान की.’

ये भी पढ़ें… कहां और कैसे पा सकते हैं आप टैक्स छूट का लाभ, यहां जानें

पूर्व में घोषित प्रमुख घोषणाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब यह सरकार सत्ता में आयी तो वेतनभोगियों के लिये छूट सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये की गयी. बचत पर 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट दी गयी, जिससे यह छूट एक लाख से बढ़कर 1.5 लाख रुपये हो गयी तथा होम लोन वापसी पर ब्याज भुगतान के लिए 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट के साथ इसे बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया.

डाक्टरों, वकीलों जैसे पेशेवरों के मामले में उन्होंने कहा कि सरकार ने 50 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए कराधान को काफी सरल बनाया है. उन्होंने कहा कि इस तरह के करदाताओं के मामले में अनुमानित कर योजना के तहत उनकी 50 प्रतिशत आय पर ही कर लगाया जाता है, जबकि बाकी 50 प्रतिशत को उनका खर्च माना जाता है. दो करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले व्यापारियों के संबंध में उन्होंने कहा कि उनकी छह प्रतिशत को ही आय मानकर उसी हिस्से पर कर लगाया जाता है.

ये भी पढ़ें… बजट 2018: किसानों के चेहरे पर मुस्कान आसान नहीं

जेटली ने कहा कि पिछले साल ही सरकार ने पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत सालाना आय पर कर की दर को 10 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया. जेटली ने कहा कि बुनियादी ढांचा खड़ा करने, सीमा की सुरक्षा तथा सामाजिक सुरक्षा जैसे कार्यों के लिए संसाधनों की जरूरत होती है. उन्होंने कहा, ‘यह कहते हुए कि करदाताओं की संख्या कम की जा रही है और कर आधार में कमी लाकर आप व्यापक राष्ट्रीय हितों को पूरा नहीं कर सकते हैं.’

ये भी पढ़ें… मोदीकेयर की सफलता के लिए चाहिए 1.20 लाख करोड़ वार्षिक प्रीमियम

उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को कर दायरे में लाकर ही राष्ट्रीय हितों को पूरा कर सकती है लेकिन छोटी इकाइयों को कई तरीकों से रियायतें दी गयी हैं ताकि उन्हें कम भुगतान करना पड़े. उन्होंने कहा, ‘मैंने एक तुलनात्मक चार्ट दिया है, कारोबारियों की तुलना में वेतनभोगी व्यक्ति अधिक कर दे रहे हैं इसलिए मानक कटौती को फिर लागू करना पड़ा. मुझे विश्वास है कि इसमें आगे और विस्तार की गुंजाइश बनेगी.’

राजकोषीय प्रणाली पर कच्चे तेल की कीमतों के असर के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि बढ़ती कीमतें चिंता की वजह है लेकिन यह अब भी सरकार के अनुकूल दायरे में हैं. वित्त मंत्री ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत ऊंची मुद्रास्फीति के युग से निकल आया है. देश चार प्रतिशत इसमें दो प्रतिशत ऊपर अथवा नीचे का मुद्रास्फीति लक्ष्य उचित है और इसे हासिल किया जा सकता है.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें