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जानिये, आखिर आधार को पीएफ खातों से क्यों जोड़ रहा है र्इपीएफआे…?

कोलकाता : पीएफ यानी भविष्य निधि. इस भविष्य निधि में जमा रकम कामगारों के आड़े वक्त में बड़ा काम आती है. इन पीएफ खातों में आधार से जोड़ना जरूरी है, लेकिन पीएफ खातों को आधार से जोड़ने के पीछे एक आैर अहम वजह है. वह यह कि पीएफ खातों का आधार से जोड़ने के बाद […]

कोलकाता : पीएफ यानी भविष्य निधि. इस भविष्य निधि में जमा रकम कामगारों के आड़े वक्त में बड़ा काम आती है. इन पीएफ खातों में आधार से जोड़ना जरूरी है, लेकिन पीएफ खातों को आधार से जोड़ने के पीछे एक आैर अहम वजह है. वह यह कि पीएफ खातों का आधार से जोड़ने के बाद र्इपीएफआे को किसी कामगार के पास दो खाता होने का भी पता चल जाता है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने शुक्रवार को इस बारे में कहा कि आधार जोड़ने की प्रक्रिया पूरी होते ही वह एक ही व्यक्ति के कई खाता संख्याओं को निकालने में सक्षम हो जायेगा.

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अतिरिक्त केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त एसबी सिन्हा ने कहा कि आधार तथा बैंक खाते जोड़ने से कई भविष्य निधि खाता रखने वालों से निपटने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि बैंक खाता जोड़ने से सदस्यों को अपना खाता कहीं से भी प्रबंधित करने व दावा निपटान में मदद मिलेगी. वह आईसीसी द्वारा आयोजित भविष्य निधि पर संगोष्ठी से इतर बात कर रहे थे.

इस मौके पर क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त नवेंदु राय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अभी भविष्य निधि में योगदान देने वाले 26 लाख नियमित सदस्य हैं, लेकिन भविष्य निधि खाताओं की संख्या करीब 70 लाख है. उन्होंने कहा कि नौकरी बदलने के कारण औसतन प्रति व्यक्ति तीन खाता हैं. उल्लेखनीय है कि सार्वभौम खाता संख्या (यूएएन) के लिए एक जुलाई, 2017 से आधार, बैंक खाता व मोबाइल नंबर जरूरी कर दिया गया है.

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