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दूरदर्शी नारायणमूर्ति के साथ कंपनी की प्रतिष्ठा को पटरी पर लायेंगे इंफोसिस के नंदन

बेंगलुरु: इंफोसिस के नये चेयरमैन नंदन निलेकणि ने शुक्रवार को निवेशकों व कर्मचारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे कंपनी में एक दीर्घकालिक संचालन तंत्र खड़ा करने, स्थिरता लाने तथा ‘लब्ध प्रतिष्ठित ‘ संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के साथ कंपनी के रिश्तों को सुधारने पर ध्यान देंगे. विशाल सिक्का की जगह नये सीईओ की […]

बेंगलुरु: इंफोसिस के नये चेयरमैन नंदन निलेकणि ने शुक्रवार को निवेशकों व कर्मचारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे कंपनी में एक दीर्घकालिक संचालन तंत्र खड़ा करने, स्थिरता लाने तथा ‘लब्ध प्रतिष्ठित ‘ संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के साथ कंपनी के रिश्तों को सुधारने पर ध्यान देंगे. विशाल सिक्का की जगह नये सीईओ की नियुक्ति भी निलेकणि के एजेंडा में शीर्ष पर होगा और वे बीते कुछ महीनों में उठाये गये कंपनी संचालन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार करेंगे. सिक्का ने कंपनी प्रवर्तकों के साथ अनबन के चलते पिछले सप्ताह अचानक इस्तीफा दे दिया. कंपनी के प्रमोटरों के दबाव के चलते ही निलेकणि दोबारा कंपनी में लौटे हैं.

इसे भी पढ़ें: इंफोसिस टेक्नोलाॅजी के चेयरमैन बनाये गये नंदन नीलेकणि, आर शेषसायी आैर रवि वेंकटेशन ने दिया इस्तीफा

इंफोसिस के सात संस्थापकों में से एक व पूर्व सीईओ निलेकणि ने शुक्रवार को निवेशकों और मीडिया से बात करने के साथ ही कंपनी के बोर्ड की पहली बैठक भी ली. इसके बाद कंपनी ने एक बयान जारी किया, जिसमें नारायणमूर्ति के साथ भूतकाल के मतभेदों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण ‘ करार दिया गया. निलेकणि ने कहा कि उन्हें कंपनी में इसलिए वापस लाया गया है, क्योंकि उनका ‘भिन्न हालात में काम करने और सफलता से काम करने का रिकार्ड है. मैं यहां हूं, क्योंकि मैं सहमति बनाने में विश्वास करता हूं.

उल्लेखनीय है कि कंपनी के चेयरमैन आर शेषसायी तथा तीन अन्य निदेशकों के इस्तीफा देने के बाद गुरुवार को ही निलेकणि को चेयरमैन नियुक्त किया गया. इन लोगों को हटाया जाना नारायणमूर्ति की अगुआई वाले संस्थापकों की प्रमुख मांग थी. अपने लक्ष्यों का जिक्र करते हुए निलेकणि ने कहा कि पहला (लक्ष्य) तो स्थिरता लाना है और यह सुनिश्चित करना है कि बोर्ड के सदस्य हों या निवेशक सभी आपस में संबद्ध हों. उन्होंने कहा कि दूसरा लक्ष्य नये सीईओ की नियुक्ति है, जिसके लिए एक खोज एजेंसी नियुक्त की जायेगी.

निलेकणि का तीसरा लक्ष्य बोर्ड के लिए दीर्घकाल संचालन व्यवस्था बनाना है, जिसके लिए उन्होंने कंपनी की नियुक्ति समिति से अक्तूबर तक रिपोर्ट पेश करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि वे अक्तूबर तक कंपनी के भविष्य की रणनीति पर एक खाका पेश करना चाहेंगे. सिक्का ने 2021 तक 20 अरब डॉलर कारोबार का लक्ष्य रखा था, जिसके बारे में पूछे जाने पर निलेकणि ने कहा कि हम पूरी तरह नये सिरे से रणनीति बना रहे हैं. निलेकणि ने कहा कि वह 100 फीसदी शेयरधारकों का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि बोर्ड व मूर्ति के बीच संबंध टिकाऊ हों. उन्होंने मूर्ति को ‘दूरदर्शी व कंपनी संचालन का जनक’ करार दिया.

उन्होंने कहा कि कंपनी संचालन से जुड़े जिन मुद्दों को उठाया गया था, वे उससे जुड़ी सभी जांच रिपोर्टों का बिना किसी पूर्वाग्रह के व्यक्तिगत रूप से अध्ययन करेंगे. कंपनी की ओर से जारी जिस बयान को निलेकणि ने पढ़ा, उसके अनुसार इंफोसिस के निदेशक मंडल ने कंपनी संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति के साथ पूर्व के मतभेदों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण ‘ बताते हुए कहा कि उसकी उन्हें ‘व्यक्तिगत पीड़ा’ पहुंचाने की कोई मंशा नहीं थी.

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