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लगातार हमलों के बीच काम करना मुश्किल हो गया था : सिक्का

नयी दिल्लीः इंफोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का ने कहा कि उन्होंने इस पद से इस्तीफा देने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और व्यक्तिगत हमलों के सामने बचाव करते हुए उनके लिए अपना काम करना कठिन हो गया था. एक अप्रत्याशित कदम में सिक्का ने निदेशक मंडल और एन आर नारायणमूर्ति […]

नयी दिल्लीः इंफोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का ने कहा कि उन्होंने इस पद से इस्तीफा देने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और व्यक्तिगत हमलों के सामने बचाव करते हुए उनके लिए अपना काम करना कठिन हो गया था. एक अप्रत्याशित कदम में सिक्का ने निदेशक मंडल और एन आर नारायणमूर्ति की अगुआई में हाई-प्रोफाइल संस्थापकों के बीच कटुता बढ़ने के बीच इस्तीफा दिया है. सिक्का ने कहा है कि आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और व्यक्तिगत हमलों का लगातार बचाव करने के साथ साथ मैं सीईओ के रूप में अपना काम नहीं कर सकता.

इस खबर को भी पढ़ेंः इंफोसिस के प्रमोटर्स के सवाल का विशाल सिक्का ने अपने इस्तीफे में एेसे दिया जवाब…

कहा है कि उन्होंने यह फैसला बहुत सोच विचारकर किया है. हमारे चारों ओर के शोर से बहुत ही अस्वीकार्य वातावरण बन गया.सिक्का ने कहा कि इस प्रकार के शोरगुल के समाधान में उनके सैकड़ों घंटे बर्बाद हुए और इसीलिए उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया.

इस बीच कंपनी के सह-अध्यक्ष रवि वेंकटेशन ने कहा कि कंपनी निदेशक मंडल के लिये कंपनी में उत्तराधिकार की योजना तैयार करना सर्वोच्च प्राथमिकता, यह महत्वपूर्ण होगा कि अगला सीईओ कंपनी के सपने, संस्कृति और इसमें काम करने वाले लोगों के अनुकूल हो. वहीं, कंपनी के चेयरमैन आर शेषासयी ने कहा कि इंफोसिस के पुनर्खरीद कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं, शेयरधारकों को कितनी और कब नकदी लौटानी है. इसके बारे में प्रतिबद्धता जता दी है.

गौरतलब है कि कंपनी के पूर्व सह-संस्थापक चेयरमैन नारायणमूर्ति तथा अन्य ने सिक्का को दिये गये उच्च वेतन को लेकर सवाल उठाये. साथ ही, कुछ कार्यकारियों को नौकरी छोड़ने पर दिये गये पैकेज को लेकर भी सवाल खड़े किये गये. साथ ही, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड तथा अमेरिका के बाजार विनियामक सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को गुमनाम पत्र भेजे गये.

इस पत्रों में आरोप लगाया गया कि इस्राइल स्थित पनाया कंपनी का अधिग्रहण का मूल्य अधिक था और इंफोसिस के कुछ कार्यकारियों को संभवत: इस सौदे ये लाभ हुआ हो. हालांकि, इस मामले में स्वतंत्र जांच में निदेशक मंडल को दोष मुक्त करार दिया गया, लेकिन नारायणमूर्ति ने पूरी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का दबाव बनाया.

शुक्रवार को कंपनी की आेर से आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस के जरिये बोर्ड आैर कंपनी के अधिकारियों की आेर से भविष्य की रणनीति आैर विशाल सिक्का के इस्तीफा देने के बाद उपजे हालात पर चर्चा भी की गयी.

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