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संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने की चीन की आर्थिक घुसपैठ को रोकने की मांग

इंदौरः भारत और चीन के बीच डोकलाम मसले के बाद व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ने के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह (महासचिव) सुरेश भैयाजी जोशी ने मंगलवार को कहा कि स्वदेशी उत्पादों के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के जरिये मुल्क में चीन की आर्थिक घुसपैठ रोकी जानी चाहिए. इस खबर को भी पढ़ेंः […]

इंदौरः भारत और चीन के बीच डोकलाम मसले के बाद व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ने के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह (महासचिव) सुरेश भैयाजी जोशी ने मंगलवार को कहा कि स्वदेशी उत्पादों के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के जरिये मुल्क में चीन की आर्थिक घुसपैठ रोकी जानी चाहिए.

इस खबर को भी पढ़ेंः डोकलाम गतिरोध : चीन ने कहा, क्या होगा यदि हम कालापानी, कश्मीर में घुस जाएं ?

जोशी ने स्वतंत्रता दिवस पर यहां एक कार्यक्रम में महाविद्यालयी के विद्यार्थियों के बीच तिरंगा फहराने के कार्यक्रम में कहा कि सीमा पार से होने वाली घुसपैठ तो हमारी सेना के मुस्तैद जवान रोक लेंगे, लेकिन हम नागरिकों को भारत के बाजार में चीन की घुसपैठ रोककर देश को आर्थिक गुलामी से बचाना होगा. इसके लिए हमें अपने मन के साथ आचरण में भी स्वदेशी भाव जगाना होगा. इसके साथ ही, उन्होंने यहां काॅलेज के छोत्रों को चीन के वस्तुआें के बहिष्कार करने की शपथ भी दिलायी.

चीनी वस्तुआें का बहिष्कार करना चाहिए

उन्होंने कहा कि भारत के बाजार पर कब्जे के लिए चीन निरंतर प्रयास कर रहा है. इसलिए चीनी वस्तुओं का बहिष्कार कर इन्हें अपने जीवन से दूर किया जाना चाहिए. जोशी ने स्वदेश में बनी वस्तुओं के सबसे ज्यादा उपयोग की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि हम आधुनिकता के विरोधी न बनें, लेकिन आर्थिक नजरिये से किसी मुल्क के गुलाम भी न बनें. उन्होंने यह भी कहा कि प्रगति तथा स्वावलंबन के रास्ते पर भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. युवा पीढी को चाहिए कि वे भविष्य के भारत निर्माण में योगदान करे.

भारत-चीन के बीच गहराता जा रहा है व्यापार युद्ध

चीन के सरकारी मीडिया ने सोमवार को कहा था कि भारत और चीन के बीच व्यापार युद्ध की आशंका गहराती नजर आ रही है. मीडिया का कहना है कि डोकलाम में सैन्य गतिरोध के बीच भारत ने 93 चीनी उत्पादों पर ऐंटी-डंपिंग शुल्क लगा दिया है. चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ में एक लेख में चीन की कंपनियों से ‘भारत में निवेश करने के जोखिमों पर पुनर्विचार’ करने का आग्रह किया है.

भारत ने चीन के 93 उत्पादों पर लगाया प्रतिबंध

इसी बीच, भारत चीन के बीच विवाद का कारण बना डोकलाम अब यहीं तक सीमित नहीं रहा है. चीनी मीडिया में चल रहीं ख़बरों की मानें, तो डोकलाम विवाद के बाद भारत ओर चीन के बीच व्यापारिक युद्ध छिड़ सकता है. इसमें संभावना जाहिर की गयी है, चीन को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. चीनी मीडिया का कहना है कि डोकलाम में सैन्य गतिरोध के बीच भारत ने 93 चीनी उत्पादों पर डंपिंगरोधी शुल्क लगा दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि चीनी सामान पर लगा डंपिंगरोधी शुल्क से चीन को झटका है.

प्रतिबंध के बाद बदले की कार्रवार्इ कर सकता है चीन

इसके साथ ही, इसमें भारत को आगाह किया गया है कि वह ‘अपने इन खराब फैसलों के संभावित परिणामों’ का सामना करने को तैयार रहे. लेख के अनुसार, चीन भारतीय उत्पादों पर प्रतिबंध लगाते हुए आसानी से बदले की कार्रवाई कर सकता है. चीन स्थित भारतीय दूतावास के आंकड़ों के हवाले से अखबार की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन को भारतीय निर्यात सालाना आधार पर 12.3 फीसदी घटकर 11.75 अरब डाॅलर रहा, जबकि चीन से भारत का आयात दो फीसदी बढ़कर 59 अरब डॉलर हो गया है.

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