नयी दिल्लीः विश्व की पहली सोलर एनर्जी डीइएमयू (डीजल इलेक्ट्रिक मल्टी यूनिट) ट्रेन चलाने का गौरव भारतीय रेलवे को मिला है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को ट्रेन को हरी झंडी दिखायी. ये दिल्ली के सराय रोहिल्ला से गुड़गांव के फारुख नगर तक चलेगी. सफदरगंज रेलवे स्टेशन पर उद्घाटन के लिए लायी गयी ट्रेन में इंजन के अलावा सबकुछ सोलर एनर्जी से चल रहा है.
इस खबर को भी पढ़ेंः रेलवे का तोहफा : हड़बड़ी में अगर आप विदाउट टिकट कर रहे ट्रेन में सफर, तो नहीं भरना पड़ेगा भारी जुर्माना
रेलवे बोर्ड के रोलिंग ट्रैफिक मेंबर रवींद्र गुप्ता ने कहा कि सफदरगंज रेलवे स्टेशन से चलनेवाली ट्रेन के हर कोच में 16 सोलर पैनल लगे हैं. ये पैनल दिन भर में 20 सोलर यूनिट बिजली बनायेंगे, जो ट्रेन की बैट्रियों में स्टोर होगी. सोलर ट्रेन के हर कोच में 300 वॉट के 16 सोलर पैनल लगाये गये हैं.
इसे भी जानें…
- 672 करोड़ रुपये की सालाना होगी बचत होगी
- सोलर ट्रेन के हर कोच से दो लाख रुपये महीने का डीजल भी बचेगा
- दो दिन का बैकअप
- इससे 28 पंखे और 20 ट्यूबलाइट जल सकेंगी
- स्टोर सोलर बिजली से ट्रेन का काम दो दिन तक चल सकता है
- आपात स्थिति में कोच का लोड अपने आप डीजल एनर्जी पे शिफ्ट हो जायेगा
- ट्रेन चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी में बनी है
- इस 6 कोच वाले रैक पर दिल्ली के शकूरबस्ती वर्कशॉप में सौर पैनलों लगाये गये हैं
- दिल्ली से गुड़गांव तक चली ट्रेन
- 21,000 लीटर डीजल की बचत होगी
- इससे सालाना नौ टन कार्बन उत्सर्जन होगा
- 13.54 करोड़ रुपया ट्रेन की कुल लागत
- हर पैसेंजर कोच बनाने में एक करोड़ मोटर कोच बनाने में 2.5 करोड़ खर्च हुए
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.