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मामला 9.58 लाख की निकासी का

अवधेश झा, किशनगंज : जिला बंदोबस्त कार्यालय में वित्तीय अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है़ मामले को लेकर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी विनोद कुमार ने बंदोबस्त कार्यालय में पदस्थापित तत्कालीन प्रधान लिपिक सतीश कुमार झा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके मोबाइल गुपचुप तरीके से सीम निकाल कर डीडीओ का ओटीपी नंबर चुरा लिया […]

अवधेश झा, किशनगंज : जिला बंदोबस्त कार्यालय में वित्तीय अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है़ मामले को लेकर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी विनोद कुमार ने बंदोबस्त कार्यालय में पदस्थापित तत्कालीन प्रधान लिपिक सतीश कुमार झा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके मोबाइल गुपचुप तरीके से सीम निकाल कर डीडीओ का ओटीपी नंबर चुरा लिया और जिला कोषागार पदाधिकारी सह जिला लेखा पदाधिकारी की मिलीभगत से 9 लाख 58 हजार 920 रुपये की निकासी कर लिया है़

डीडीओ विनोद कुमार ने इस मामले में जिला पदाधिकारी को आवेदन देकर जांच की मांग की है़ हालांकि इससे पूर्व डीडीओ विनोद कुमार ने मामले की शिकायत उपमहालेखागार सामान्य प्रक्षेत्र पटना को भी आवेदन देकर जांच की मांग की थी़ मामले की गंभीरता को देखते हुए उप महालेखागार ने बंदोबस्त कार्यालय के तत्कालीन प्रधान लिपिक सतीश कुमार झा के द्वारा अवैध रूप से सरकारी राशि निकासी को लेकर कार्रवाई हेतु पत्र प्रेषित किया है़
क्या है मामला : सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी विनोद कुमार ने डीएम को आवेदन देकर कहा है कि अप्रैल से जून 2019 तीन माह का वेतन बिना उन्हें जानकारी दिये उनके मोबाइल से सिम की चोरी कर कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर के मोबाइल में लगा कर डीडीओ का ओटीपी चुरा लिया़
तत्कालीन प्रधान लिपिक ने उनके ओटीपी से बिल संख्या दो के माध्यम से 319640 रुपये, बिल संख्या 3 के माध्यम से 319640 और बिल संख्या तीन के माध्यम से भी 319640 रुपया अर्थात कुल 9 लाख 58 हजार 920 रुपये निकासी कर लिया़ जबकि प्रधान लिपिक सतीश कुमार झा 12 दिनों से अनुपस्थित थे. उन्होंने चुराये हुए ओटीपी के माध्यम से स्वयं पूरा वेतन का विपत्र तैयार कर निकासी कर ली.
डीएम को दिये आवेदन में डीडीओ विनोद कुमार ने जिला कोषागार पदाधिकारी पर दस हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप भी लगाया है़ डीडीओ ने कहा कि सतीश कुमार झा चेकर मेकर अप्रुवल का विपत्र कोड लिख कर अपने पास रखते थे़ वे प्रशिक्षण कार्य के लिए पटना गये हुए थे़ इस दौरान तत्कालीन प्रधान लिपिक ने कंप्यूटर ऑपरेटर के माध्यम से बिल विपत्र तैयार कर तीन माह वेतन की राशि का निकासी कर लिया और मेरा अर्थात डीडीओ का विपत्र छोड़ दिया गया़
उन्होंने कहा कि चुंकि कोषागार पदाधिकारी उनसे दस हजार रुपये की मांग की थी़ जिसमें मतीन नाजीर द्वारा सात हजार तय किया गया. जिसमें से उन्होंने तीन हजार रुपये मतीन को दिये थे़ लेकिन चार हजार रुपये जिला कोषागार पदाधिकारी को नहीं देने के कारण उनका वेतन छोड़कर विपत्र तैयार करने का निर्देश कोषागार पदाधिकारी ने दिया था़ फलत: मार्च से लेकर अब तक उनका वेतन लंबित है़

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