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निर्मल हृदय संस्था और अस्पतालकर्मी के सहयोग से बेचा गया एक और बच्चा

रांची : निर्मल हृदय संस्था की सिस्टर और सदर अस्पताल के कर्मी के सहयोग से दुमका की एक महिला का नवजात बच्चा बेचने और ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला सामने आया है. शनिवार को जब सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों को इसकी जानकारी मिली, तब उन्होंने सीआइडी के अधिकारियों से संपर्क किया. इसके बाद पीड़ित महिला का बयान […]

रांची : निर्मल हृदय संस्था की सिस्टर और सदर अस्पताल के कर्मी के सहयोग से दुमका की एक महिला का नवजात बच्चा बेचने और ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला सामने आया है. शनिवार को जब सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों को इसकी जानकारी मिली, तब उन्होंने सीआइडी के अधिकारियों से संपर्क किया. इसके बाद पीड़ित महिला का बयान लेने के लिए महिला थाना प्रभारी को बुलाया गया.

महिला थाना प्रभारी ने पीड़ित का बयान लेकर कोतवाली एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की थाना प्रभारी को सौंप दिया है. पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. हालांकि खबर लिखे जाने तक मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी थी.
महिला लीव इन में एक व्यक्ति के साथ रहती थी
पुलिस के अनुसार महिला लीव इन में एक व्यक्ति के साथ रहती थी. इस दौरान वह गर्भवती हो गयी. अगस्त माह में उसने एक बच्चे को जन्म दिया. फिर वह सितंबर माह में निर्मल हृदय संस्था में रहने के लिए आ गयी. वहां से वह कुछ दिन बाद अपने घर जाने के लिए अपने पति और बच्चे के साथ रेलवे स्टेशन पहुंची. लेकिन महिला के पास बच्चे से संबंधित कोई पेपर नहीं था.
इस कारण ट्रेन में उससे पूछताछ होने लगी. इस बीच फोन पर संपर्क करने पर महिला को निर्मल हृदय संस्था में काम करने वाली अनिमा इंदवार ने बच्चा लेकर सदर अस्पताल पहुंचने को कहा. यहां महिला को समझाया गया कि तुम अभी अविवाहित हो. बच्चा लेकर गांव जाने में तुम्हें परेशानी होगी.
इसके बाद उसने महिला से बच्चा लेकर उसे अपने पास रख लिया. बाद में जब अनिमा अपना बच्चा लेने आयी, तब उससे कहा गया कि तुम अपने अपने पति को साथ लेकर आना, तब बच्चा मिल जायेगा. इसके बाद महिला वापस चली गयी.
थोड़े दिनों के बाद जब महिला अपने पति के साथ बच्चा लेने आयी, तब तक बच्चा चोरी कर बेचने और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के केस में अनिमा जेल जा चुकी थी. इस वजह से महिला बच्चा लेने के लिए अनिमा से मिल नहीं पायी.
शनिवार को महिला जब अनिमा के घर अपने बच्चे की तलाश में पहुंची, तब उसे अनिमा ने बताया कि उसका बच्चा सदर अस्पताल के दीपक या संजय नामक व्यक्ति ने किसी को दे दिया है. इसके बाद महिला सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों के पास पहुंची. मामले में संस्था की एक सिस्टर की संलिप्तता की जानकारी पुलिस को मिली है. प्राथमिकी में उसे भी आरोपी बनाया जा सकता है.
सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों ने सीआइडी के अधिकारियों से संपर्क किया
मामले में संस्था की एक सिस्टर की संलिप्तता की जानकारी पुलिस को मिली है
खबर लिखे जाने तक मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी थी

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