32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

चमकी बुखार के कारणों का पता लगाने में मदद करेगा निमहांस

पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर सहित छह जिलों में बच्चों में होनेवाले चमकी बुखार (एइएस) के कारणों का पता लगाने में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (निमहांस) अभी से तकनीकी सहयोग आरंभ कर देगा.उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष इस अज्ञात बीमारी के कारणों का पता लगा लिया जायेगा. निमहांस […]

पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर सहित छह जिलों में बच्चों में होनेवाले चमकी बुखार (एइएस) के कारणों का पता लगाने में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (निमहांस) अभी से तकनीकी सहयोग आरंभ कर देगा.उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष इस अज्ञात बीमारी के कारणों का पता लगा लिया जायेगा. निमहांस द्वारा इसके लिए राज्य में एक सर्विलांस सिस्टम स्थापित किया जा रहा है. इसके पूर्व विशेषज्ञों की टीम चमकी बुखार होने से लेकर उसकी जांच व इलाज के तक मानकों की कमी (गैप) का मूल्यांकन 15-20 दिनों में कर लेगी. इस कमी से स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराया जायेगा और उसे दूर करने की दिशा में पहल होगी.

नतीजा है कि चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में लक्षण के आधार पर इलाज किया जाता है. बुखार के कारणों में लीची, गर्मी का मौसम, मौसम में आर्द्रता, ग्लोकोज की कमी जैसे कई कारण बताये जाते रहे हैं. निमहांस द्वारा इस दिशा में पीएमसीएच और दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लेवल-दो का प्रयोगशाला स्थापित करने में निमहांस का सहयोग मिलेगा.
साथ ही निमहांस व केयर इंडिया द्वारा चिह्नित जिला अस्पतालों का गैप विश्लेषण किया जायेगा. चिकित्सकों, नर्स व तकनीशियनों को सैंपल कलेक्शन करने के मानकों के लिए क्षमतावर्धन किया जायेगा. आंकड़ों के बेहतर रखरखाव के लिए डाटा मैनेजरों का क्षमतावर्धन किया जायेगा. मौके पर उपस्थित निमहांस के डिपार्टमेंट ऑफ न्यरोवाइरोलॉजी के एचओडी डाॅ वी रवि ने बताया कि गोरखपुर सहित असम व पश्चिम बंगाल में जेई के कारणों का पता लगाया जा चुका है.
उन्होंने बताया कि निमहांस के पास टॉक्सिनस सैंपल जांच में महारत हासिल है. ऐसे में बिहार में भी एइएस के कारणों का पता लगने के बाद उसके इलाज का रास्ता आसान हो जायेगा. इस अवसर पर निदेशक प्रमुख डाॅ नवीन चंद प्रसाद व केयर के डाॅ हेमंत शाह के अलावा डाॅ एमपी शर्मा आदि मौजूद थे.
अप्रैल से चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण होगा शुरू
निमहांस की टीम पहली अप्रैल से बिहार के चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण कार्य आरंभ करेगी. बुखार का मौसम आरंभ होने तक यह कोशिश है कि इस वर्ष इसके कारणों का पता लगा लिया जाये. स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को बिना कोई राशि खर्च किये निमहांस के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है.
केयर के सौजन्य से शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार व अपर सचिव करुणा कुमारी की उपस्थिति में यह समझौता किया गया. इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि बहुत सैंपल लेने और कई टीमों द्वारा जांच के बाद भी एइएस के कारणों का वास्तविक पता नहीं चला है.
निमहांस की ओर से राज्य में स्थापित किया जा रहा है एक सार्विलांस सिस्टम
चमकी बुखार पीड़ित बच्चों का अभी लक्षण के अधार पर किया जा रहा है इलाज

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें