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बिहार में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के मूड में प्रशासन

पटना : मुख्य सचिव-डीजीपी ने सभी डीए-एसएसपी के साथ वीडियो कान्फ्रेंस कर कड़ाई से लागू कराने के दिये निर्देश. आकस्मिक सेवा के लिये निकल सकते हैं लोग, लेकिन निजी कार में भी चार से अधिक निकले तो होगी कार्रवाई.

पटना : कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये बिहार राज्य में 31 मार्च तक लागू ‘लाॅक डाउन’ का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआइआर करायी जायेगी. महामारी एक्ट की धारा आइपीसी 188 के तहत पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर जेल में डाल सकती है. लॉक डाउन से बाहर रखी गयी आकस्मिक सेवाओं के लिये निजी कार में भी चार से अधिक लोगों के यात्रा करने पर कार्रवाई की जा रही है.

‘लाॅक डाउन ‘ को कड़ाई के साथ लागू कराने का निर्देश

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने सभी एसएसपी- एसपी को आदेश दिया है कि वह ‘लाॅक डाउन ‘ को कड़ाई के साथ लागू करायें. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि सभी डीएम-एसएसपी को वीडियो कॉन्फेंस के जरिये कई बिन्दुओं पर आदेश निर्देश दिये गये हैं. कोरोना को लेकर लॉक डॉउन किया गया है. इसका सख्ती से पालन कराया जा रहा है. इसका उल्लंघन करने वालों पर एफआइआर कर जेल भेजा जायेगा.

बिहार में लॉक डाउन के पहले दिन रही आंशिक छूट

डीजीपी ने बताया कि सोमवार को पहला दिन होने, हवाई और रेल सेवा चालू रहने के कारण यात्रियों को आवागमन करना पड़ा. इस कारण आंशिक छूट रही. उत्तर प्रदेश, झारखंड से सटी सीमाएं सील कर दी गयीं है. राज्य के अंदर भी जिलों की सीमाएं भी सील हैं. एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर रोक है. वालों की स्क्रीनिंग की जा रही है. नेपाल बार्डर पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है.

कोरोना वायरस के खिलाफ मोर्चा संभालने के लिए तैयार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं. स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की मदद के लिए हर जिले में रैपिड एक्शन टीम बनायी जायेगी. इस कार्य में लगने वाले पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही सुरक्षा संसाधनों से लैस किया जायेगा.कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पुलिस महानिदेशक ने महकमे के प्रदेश भर के अधिकारियों को दायित्वों और जरूरतों के संबंध में रविवार को दिशा निर्देश जारी.

जिला स्तर पर एक राजपत्रित अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित करें, जो निरंतर जिला और राज्य की हेल्पलाइन के संपर्क में रहेंगे यदि कहीं जिलाधिकारी या मुख्य चिकित्सा अधिकारी संक्रमण का कोई प्रकरण बताते हैं तो पुलिस से अपेक्षित सहयोग दिलायेंगे.

डीजीपी ने कहा है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर सभी थानाध्यक्ष, राजपत्रित अधिकारी, 112 के प्रभारी, एलआइयू, यातायात, मीडिया प्रभारी और रैपिड एक्शन टीम के प्रत्येक सदस्य को प्रशिक्षण दिलाएं. इस कार्य में लगने वाले पुलिस कर्मियों को पर्याप्त संख्या में एन-95 मास्क, मेडिकल ग्लव्स, रैपिड एक्शन टीम को हैज-मेट सूट, ओवरऑल सूट, संक्रमण रोधक ड्रेस आदि आवश्यक संसाधन प्रदान किये जाएं.

डीजीपी ने यह भी कहा है कि एलआइयू और थाना स्तर पर अभिसूचना तंत्र को सक्रिय कर दें. देखा जाये कि किसी जगह पर अफवाह या जनता में अनावश्यक घबराहट पैदा न हो दुकानों, बैंक, एटीएम, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि पर अनावश्यक भीड़भाड़ एकत्र न हो.

पुलिस इन हालात में विपरीत परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भी तैयारी कर रही है, डीजीपी ने कहा है कि आइसोलेशन में रखे गये व्यक्तियों और उनका उपचार कर रहे चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा में पुलिस ड्यूटी लगाएं यदि संक्रमित व्यक्ति निर्धारित स्थान पर रखे जाने में विरोध या अवरोध करता है तो उसके खिलाफ एपिडेमिक एक्ट 1897 के तहत कार्रवाई की जाए. वहीं, भविष्य में किसी संक्रमित व्यक्ति की गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए पहले से ही स्थान चयन आदि की पूरी तैयारी कर लें.

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