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Bihar News : सृजन घोटाले में बड़ी कार्रवाई, नौ आरोपितों के 34 मकान व जमीन लॉक

प्रवर्तन निदेशालय के असिस्टेंट डायरेक्टर के पत्र पर की गयी कार्रवाई. लॉक की गयी प्रोपर्टी की खरीद व बिक्री नहीं हो सकेगी.

भागलपुर. सृजन घोटाला मामले में नौ आरोपितों के 34 मकान व जमीन का अब निबंधन नहीं हो सकेगा. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा भेजी गयी सूची के अनुसार सभी आरोपितों की चिह्नित प्रोपर्टी को भागलपुर रजिस्ट्री कार्यालय ने लॉक कर दिया है. सूची में शामिल तमाम जमीन और फ्लैट को लॉक करने की कार्रवाई जिला अवर निबंधक कार्यालय द्वारा की गयी है.

अब इसकी बिक्री व खरीदारी तब तक नहीं हो सकेगी, जब तक कि इसे अनलॉक करने का निर्देश नहीं जारी हो जाये. इससे पहले भी आरोपितों की संपत्ति पर खरीद-बिक्री पर रोक लगायी गयी थी तथा उनके बैंक खातों को सीज कर दिया गया था. इसके बाद फिर से कार्रवाई की गयी है.

सभी लॉक की संपत्ति भागलपुर शहर व इसके आसपास की

सृजन घोटाले आरोपितों की लॉक की गयी संपत्ति भागलपुर शहर के अलावा, नाथनगर व सबौर क्षेत्र में है. इसे लॉक करने का निर्देश प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के असिस्टेंट डायरेक्टर संतोष कुमार मंडल ने दिया था. इडी ने इसे लेकर संपत्तियों की सूची गत 12 अगस्त को भेजी थी. संपत्तियों की सूची तीन पन्ने में शामिल है. निबंधन कार्यालय में भी इसकी सूची भेज दी गयी है.

किसकी कितनी संपत्ति की रजिस्ट्री लॉक

  • डॉ प्रणव कुमार : 02

  • पूजा कुमारी : 04

  • अर्चना लाल : 01

  • सीमा कुमारी : 01

  • कल्पना कर्ण : 01

  • अमित कुमार : 11

  • अमित व बिपिन : 01

  • रजनी प्रिया : 07

  • मनोरमा देवी : 06

मनी लांड्रिंग के तहत हुई है जब्ती की कार्रवाई

सीबीआइ द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी के आधार पर मनी लांड्रिंग के तहत अब तक सृजन मामले में देश के विभिन्न शहरों में 18.45 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. इनमें 32 फ्लैट, 18 दुकानें, 38 प्लॉट व मकान, 47 बैंक खाते और दो वाहन शामिल हैं. इनमें भागलपुर में स्थित संपत्तियों की सूची इडी ने रजिस्ट्री कार्यालय को भेज कर लॉक कराया है, जिसकी खरीद-बिक्री पर रोक लगा सकता है.

सरकारी बैंक खातों से धन का किया घोटाला

सृजन घोटाला बिहार राज्य का सर्वाधिक चर्चित घोटाला है. विभिन्न सरकारी अधिकारियों, बैंक अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और अन्य सदस्यों के साथ सरकारी धन को सृजन के खातों में डालने की साजिश रची. उक्त खाते का उपयोग सभी षड्यंत्रकारियों के लाभ के लिए किया गया था.

साजिश में अधिकारियों, जिला भूमि अधिग्रहण कार्यालय, इंदिरा आवास योजना में पड़ी धनराशि, सृजन के खाते में जिला कल्याण योजना आदि की राशि ट्रांसफर की गयी. इस राशि से फ्लैट और अन्य संपत्ति की खरीद की गयी. गाजियाबाद, पुणे, पटना, भागलपुर आदि में अचल संपत्तियां भी अर्जित की गयी.

भू-अर्जन कार्यालय के तत्कालीन नाजिर को नोटिस

भागलपुर. विभागीय जांच कार्यालय में सृजन घोटाले से संबंधित हुई सुनवाई को लेकर जिला भू-अर्जन कार्यालय के तत्कालीन नाजिर राकेश कुमार झा को नोटिस भेजा गया. वहीं इस मामले के प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी सह जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को तत्कालीन नाजिर के स्पष्टीकरण की कॉपी भेजते हुए प्राथमिकी व आरोपपत्र की कॉपी मांगी है.

15 जनवरी को होनेवाली सुनवाई में इस पर विचार होगा. तत्कालीन नाजिर राकेश कुमार झा का निलंबित अवधि का मुख्यालय नवगछिया अनुमंडल कार्यालय है. उन्हें नोटिस भेजते हुए बिंदुवार स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है. साथ ही आरोपपत्र व पूरक आरोपपत्र में लगाये गये आरोप के अनुरूप स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.

दूसरी ओर प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी को तत्कालीन नाजिर के पूर्व के स्पष्टीकरण की कॉपी भेजते हुए निर्देश दिया गया है कि घोटाला मामले में की गयी प्राथमिकी और आरोपपत्र की सत्यापित प्रति 15 जनवरी को होनेवाली सुनवाई में उपलब्ब्ध करायें.

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